Mohammed Shami के बहन-बहनोई समेत 12 से होगी दस लाख की वसूली

Mohammed Shami: क्रिकेटर मोहम्मद शमी के बहन-बहनोई का पंजीकरण मनरेगा मजदूर के रूप में होने और उनके खाते में मजदूरी के पैसे आने के मामले में वसूली होगी।

Mohammed Shami: उज्जवल प्रदेश,अमरोहा. क्रिकेटर मोहम्मद शमी के बहन-बहनोई का पंजीकरण मनरेगा मजदूर के रूप में होने और उनके खाते में मजदूरी के पैसे आने के मामले में वसूली होगी। डीसी मनरेगा अमरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि जोया ब्लॉक के पलौला गांव में मनरेगा में गड़बड़ी की रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी।

डीएम के निर्देश पर नोटिस और रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी। मोहम्मद शमी की बहन शबीना की शादी जोया ब्लॉक के पलौला गांव निवासी गजनबी के साथ हुई है। शबीना की सास गुले आयशा गांव की प्रधान हैं। कुछ दिन पहले यह जानकारी सामने आई थी कि शबीना, उसके पति और दो देवर का नाम मनरेगा मजदूर के रूप में दर्ज है।

इस मामले की डीएम निधि गुप्ता वत्स ने जांच के आदेश दिए थे। जांच में यह जानकारी सामने आई कि मनरेगा में मजदूरी पाने को प्रधान के परिवार की और से फर्जीवाड़ा किया गया है। शबीना और गजनबी समेत परिवार के आठ लोगों ने मजदूरी हासिल की है। जांच में सामने आया है कि शबीना ने 71013, उनके पति गजनबी ने 66561, देवर शेखू ने 55312, नसरुद्दीन ने 71704, आमिर सुहेल ने 63851, ननद नेहा ने 55867, सरिया ने 54645 व सबा रानी ने 17020 रुपये की मनरेगा मजदूरी चार सालों में हासिल की है। इसके अलावा परिवार के दूसरे लोगों समेत करीब 12 से अधिक लोग इस फर्जीवाड़े का हिस्सा रहे हैं। जिनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जो विदेश में रह रहे हैं। जिन्होंने करीब दस लाख रुपये की मजदूरी गलत तरीके से हासिल की।

रविवार को भी खंगाले गए दस्तावेज

क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन-बहनोई के खाते में मनरेगा की मजदूरी आने का मामला सामने आने बाद केंद्र और प्रदेश सरकार ने भी जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब कर ली है। रविवार को भी बीडीओ जोया विकास भवन में रिकॉर्ड का मिलान कर जांच के तथ्यों को मिलान करते रहे। जांच टीम पलौला गांव में पहुंचकर ग्रामीणों के बयान दर्ज कर चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में नोटिस और रिकवरी के साथ ही मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।

2021 में बनाए गए थे मनरेगा जॉब कार्ड

अधिकारियों के मुताबिक प्रधान के परिवार के लोगों के मनरेगा जॉब कार्ड जनवरी 2021 में मनाए गए थे। जिस समय जॉब कार्ड बनाए गए तब पंचायतों में प्रशासक की तैनाती थी। इसी दौरान ही जॉब कार्ड बनाए गए और तीन सालों तक मनरेगा में मजदूरी उनके खाते में आई। 2024 में परिजनों के जॉब कार्ड निरस्त कर दिए गए। लेकिन ग्राम प्रधान गुले आयशा की बेटियों तीनों ननद के कार्ड निरस्त नहीं किए गए। मामला सुर्खियों में आने के बाद अब उनके जॉब कार्ड भी निरस्त कर दिए गए हैं।

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