BHOPAL की KALIASOT नदी के कैचमेंट से 12 साल में भी नहीं हटे 1100 HOUSES
BHOPAL की KALIASOT नदी के जलभराव क्षेत्र में 1100 निर्माणों को अभी तक प्रशासन ने नहीं हटाया। जबकि महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नदी के जलभराव क्षेत्र में बने 36 बंगलों को 17 मई को ढहा दिया गया।

BHOPAL: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नदी के जलभराव क्षेत्र में बने 36 बंगलों को 17 मई को ढहा दिया गया। लेकिन, भोपाल की कलियासोत नदी (KALIASOT River) के जलभराव क्षेत्र (Catchment Area) और इसके बफर जोन में 1100 निर्माणों (1100 HOUSES) को अभी तक हटाने (Removed) प्रक्रिया भोपाल में प्रशासन ने शुरू नहीं (Not) की। जिला प्रशासन रटा रटाया जवाब देता है।
एनजीटी और हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार नोटिस दे रहे हैं। जल्द कार्रवाई करेंगे। यह जवाब पिछले 12 सालों से मिल रहा है। महाराष्ट्र में एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पांच साल में ही कार्रवाई की, लेकिन भोपाल में कलियासोत में 12 साल बाद भी कुछ नहीं हुआ। जबकि, एनजीटी व हाईकोर्ट कई बार निर्देश दे चुका हैं।
नदी तालाब किनारे बड़े निर्माण
- कलियासोत रिजर्वायर में 11 बड़े बंगले, फार्म हाउस व रेस्टोरेंट
- नदी से 33 मीटर में 58 से अधिक बड़े प्रोजेक्ट में लाखों के फ्लैट
- बड़ा तालाब एफटीएल से 50 मीटर में 12 होटल समेत 300 पक्के निर्माण
- मोतिया तालाब, नवाब सिद्दीक हसन, बाग मुंशी हुसैन तालाब के अंदर तक फिलिंग
- केरवा डैम के अंदर तक 2000 डंपर की फिलिंग कर निर्माण के लिए जगह बनाई
- बड़ा तालाब कैचमेंट का 22 फीसदी हिस्सा आवंटित, 32 फीसदी में निर्माण
जांच, सर्वे और नोटिस देकर कार्रवाई
कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर का कहना है कि तय निर्देश के अनुसार जांच, सर्वे और नोटिस देकर कार्रवाई तय की जा रही है। कोर्ट के निर्देश के अनुसार ही कार्रवाई तय करेंगे।