स्कूलों में बड़ी संख्या में छात्रों के बनाए जा रहे अपार आइडी कार्ड

बिलासपुर

जिले के स्कूलों मे अपार आईडी कार्ड बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। स्कूलों मे बड़ी संख्या मे छात्रों के अपार आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी टीआर साहू ने बताया कि अपार आईडी कार्ड बनवाने के लिए अभिभावकों की सहमति जरूरी है। वहीं शिक्षक और स्कूल प्रबंधन को भी अभिभावकों को अपार कार्ड से जुड़े तथ्यों की जानकारी देने को कहा गया है, जिससे अभिभावकों के मन में किसी भी तरह का संशय न रहे।

अभी निशुल्क अपार आईडी कार्ड बनाए जाएंगे
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अभी निशुल्क अपार आईडी कार्ड बनाए जाएंगे। भविष्य में छात्रों को इसे बनवाने का खर्च खुद ही वहन करना पड़ सकता है। इसलिए अभिभावकों को अपार आईडी कार्ड से जुडी सभी जानकारियां देकर उनकी सहमति ली जा रही है। इस कार्ड को बनवाने के लिए छात्रों से मामूली दस्तावेज ही मंगाए जा रहे हैं, जैसे आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र आदि।

कार्ड बनवाने वालों में समस्या आ रही सामने
इस तरह की समस्या आ रही सामने कार्ड बनवाने वालों में एक बड़ा वर्ग ऐसे छात्रों की भी है जिन्हे कार्ड बनवाने मे तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। जिन छात्रों के बर्थ सर्टिफिकेट और आधार कार्ड के नाम में अंतर है या आधार कार्ड और स्कूल में दर्ज जन्म तिथि में अंतर है उनका कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। बीते दिन इसी तरह की समस्या महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल में देखी गई थी। अभिभावकों को चिल्हाटी स्थित एआरटीओ सेंटर जाकर सुधरवाने को कहा गया था।

क्या है अपार आईडी कार्ड
अपार आईडी कार्ड आधार कार्ड की तरह ही सभी स्कूली विद्यार्थियों के लिए तैयार की जाएगी। इसमें विद्यार्थियों के लिए 12 अंकों का यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होगा। इसमें बच्चों के नाम से लेकर उनके अभिभावकों तक की जानकारी होगी। इस आइडी को डिजिटल लाकर से जोड़ा जाएगा। इसमें बच्चे का नाम, पता, कक्षा, रोल नंबर, उनके नंबर, डीएमसी, परीक्षा परिणाम, क्रेडिट स्कोर, अभिभावकों का नाम, कारोबार, घर का पता आदि की जानकारी दर्ज होगी।

कार्ड में होगी यह जानकारी
एक तरह से इसमें विद्यार्थी की हर प्रकार की निजी जानकारी होगी। ये आईडी प्री नर्सरी से लेकर अंतिम पढ़ाई तक एक ही रहेगी। इस आइडी के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने में विद्यार्थी अपने शैक्षणिक रिकार्ड को डिजिटल रूप देख सकेंगे और उसका उपयोग कर सकेंगे।

अपार आईडी कार्ड के लाभ
    अपार आईडी कार्ड विद्यार्थी की आजीवन पहचान संख्या के रूप में कार्य करता है, जिससे उन्हें अपनी शैक्षणिक प्रगति और उपलब्धियों पर सुचारू रूप से नज़र रखने में मदद मिलती है।
    अपार नंबर स्कूल, डिग्री कॉलेज, जूनियर कॉलेज और स्नातकोत्तर सहित सभी स्तरों पर छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड पर नज़र रखेगा।
    अपार आईडी कार्ड छात्रों के डेटा को डिजिटल रूप से एक स्थान पर रखेगा, जिसमें सीखने के परिणाम, परीक्षा परिणाम, रिपोर्ट कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड और सह-पाठ्यचर्या उपलब्धियां जैसे ओलंपियाड रैंकिंग, विशेषज्ञ कौशल प्रशिक्षण आदि शामिल होंगे।
    स्कूल छोड़ देने वाले छात्रों पर नजर रखना उपयोगी है, ताकि सरकार उन्हें समाज में पुनः शामिल करने तथा शिक्षा के अवसरों से पुनः जोड़ने का प्रयास कर सके।
    यह छात्रों को उनकी सभी शैक्षणिक जानकारी को एक संस्थान से दूसरे संस्थान में स्थानांतरित करने में मदद करेगा। नतीजतन, देश में कहीं भी नए कॉलेज में प्रवेश पाना आसान हो जाएगा।
    अपार आईडी को सीधे ABC बैंक से जोड़ा जाएगा। इस प्रकार, जब कोई छात्र सेमेस्टर या कोर्स पूरा करता है, तो क्रेडिट सीधे ABC में दर्ज हो जाते हैं, जिससे वे सभी भारतीय कॉलेजों में मान्य हो जाते हैं।
    यह छात्रवृत्ति, डिग्री, पुरस्कार और अन्य छात्र प्रमाण-पत्र जैसे शैक्षणिक डेटा को डिजिटल रूप से केंद्रीकृत करेगा।अपार कार्ड छात्र के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करता है। इसमें छात्र का नाम, पता, जन्मतिथि, लिंग, फोटो, खेल गतिविधियाँ, शिक्षा ऋण , छात्रवृत्ति, पुरस्कार आदि की जानकारी शामिल है।

 

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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