Astrology Tips: पीपल के पेड़ पर पितरों का भी रहता है डेरा, अनदेखी पड़ सकती है भारी

Astrology Tips: पीपल एक ऐसा वृक्ष है जहां करोड़ों देवी देवताओं का वास होता है। इसके साथी ही भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, और कई अन्य देवी-देवताओं का वास माना जाता है। इसके साथी ही इस पेड़ पर पितर निवास करते हैं।

Astrology Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. पीपल एक ऐसा वृक्ष है जहां करोड़ों देवी देवताओं का वास होता है। इसके साथी ही भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, और कई अन्य देवी-देवताओं का वास माना जाता है। हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को पवित्र माना जाता है और इस पेड़ में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, और कई कई देवी-देवताओं का वास रहता है। इसके साथी ही इसमें पितरों का भी वास होता है। । मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ की डाल में ब्रह्मा जी, तो तने में भगवान विष्णु व सबसे ऊपरी भाग में भगवान शिव का वास होता है।

तीनों देवताओं का आशीर्वाद मिलता है

मान्यता है कि जो भी आदमी इसकी पूजा करता है उन्हें इन तीनों देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि पीपल के पेड़ की विधि-विधान से गर पूजा की जाए तो जीवन के सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथी ही घर में सुख-समृद्धि आती है। तो हम आपको बतायेंगे पीपल से जुड़े कुछ जरूरी नियम।

पीपल के वृक्ष की सूर्योदय से पहले न करें पूजा

एक बात का जरूर ध्यान रखें कि पीपल के पेड़ की पूजा सूर्योदय के पहले कभी न करें। ऐसी अनदेखी आपको नुकसान पहुंचा सकती है। और आपके जीवन के लिए अशुभ साबित हो सकती है।

रविवार को यह न करें

खासकर आप रविवार के दिन पीपल के पेड़ को न तो जल अर्पित न ही उसे काटें। यदि आप अनदेखीकरते हैं तो इससे होने वाले दोष के कारण वंश वृद्धि रुक सकती है। इसके अलावा, पीपल के पेड़ की पूजा कभी भी सूर्योदय से पहले नहीं करनी ​चाहिए, क्योंकि उस दौरान पेड़ पर दरिद्रा का वास रहता है। इसके कारण आपके जीवन में दु:ख और दारिद्रता भी आने की संभावना बढ़ जाती है।

पीपल के पेड़ से जुड़ी ये मान्यताएं

पीपल के पेड़ की पूजा करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है।
पीपल की पूजा करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से भी छुटकारा मिल जाता है।
पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से मानव की आयु लंबी होती है।

इस विधि से करें पीपल के पेड़ की पूजा

  • हम रोज़ाना पीपल की जड़ में जल अर्पित करें।
  • सूर्योदय के बाद पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें।
  • शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और तेल का दीपक जलाएं।

नोट: हम इन सभी बातों की पुष्टि नहीं करते। अमल करने से पहले ज्योतिष विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Deepak Vishwakarma

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