Astrology Tips: इस पेड़ में होता है शक्तियों का वास, पितृदोष से भी दिलाता है छुटकारा
Astrology Tips: नीम एक ऐसा वृक्ष है जिसमें शक्तियों का वास रहता है। नीम की पूजा की पूजा भी की जाती है। इसे घर और दफ्तर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, साथ ही पितृदोष से भी छुटकारा मिलता है।

Astrology Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. नीम एक ऐसा वृक्ष है जिसमें शक्तियों का वास रहता है। नीम की पूजा की पूजा भी की जाती है। इसे घर और दफ्तर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है । मंदिर या धार्मिक स्थानों के आस-पास भी नीम के पेड़ लगाने चाहिए। इससे वातावरण शुद्ध रहता है। वहीं वास्तु के अनुसार नीम के पेड़ के कुछ चमत्कारी उपाय बताए गए हैं जिससे आप अपनी अन्य परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।
सकारात्मक ऊर्जा आती है
नीम की पत्तियों को जलाकर घर में उसका धुआं देने से बुरी शक्तियां, भूत-प्रेत और नकारात्मक ऊर्जा कोसों दूर रहती है। नीम का पेड़ घर और दफ्तर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
हवन में नीम की लकड़ियों का प्रयोग करें
जातक अपने आवास में नीम का पौधा लगाये तो उसे पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही पितरों का भी आशीर्वाद भी बना रहता है। उधर, हवन में नीम की लकड़ियों का प्रयोग करने से शनि की शांति होती है।
खुश होंगे बजरंगबली
ज्योतिष की मानें तो नीम की पूजा करने से बजरंगबली जल्द खुश हो जाते हैं। इससे उनकी कृपा बनी रहती है। इसलिए रोजाना नीम के पेड़ में जल जरूर अर्पित करना चाहिए।
नीम की लकड़ी की माला पहनें
वास्तु के अनुसार घर में नीम का पेड़ लगाने से शनि और केतु ग्रह जल्द शांत हो जाते हैं। केतु ग्रह से संबंधित परेशानियों के निवारण के लिए नीम के पत्तों को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए। ज्योतिष की मानें तो नीम की माला धारण करने से शनि देव के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है। इस उपाय से शनिदेव आपसे प्रसन्न रहते हैं।
राहु, केतु और मंगल का प्रभाव कम होने लगता है
नीम के वृक्ष को जाकर स्नान कराएं, शास्त्रों में ये भी उल्लेख है नीम की डाली को तोड़कर उसे सुंदर-सुंदर गोल गोल पिरो लें और 108 गोलियों की माला बनाकर उसे धारण करें, तो इससे शरीर में रोग का संचार नहीं होता है। कुछ लोग जो हरी नीम की पत्तियों का सेवन करते हैं, दो चार पत्तियां खाकर पानी पीते हैं, उनके शरीर का खून भी शुद्ध होता है। ज्योतिष के अनुसार ग्रह उच्च होते हैं, क्योंकि शनि, राहु, केतु और मंगल का प्रभाव न होने के कारण सूर्य, शुक्र और गुरु बलवान हो जाते हैं।
नीम तीन ग्रहों का समाधान भी करता है,
ज्योतिष के अनुसार नीम को भी पेड़ों का राजा माना जाता है, जिस तरह नीम है, पीपल है, बरगद है, तुलसी है, और बरा का पेड़ है, इन पौधों को राजा कहलाता है। नीम का वृक्ष भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। नीम का पेड़ जहां लगता है वहां पर सभी देवी देवताओं का वास होता है। नीम 3ग्रहों का समाधान भी करता है, राहु, केतु, शनि और मध्यम में मंगल ग्रह को भी शांति प्रदान करता है।
नीम की छाया प्राणी को निरोग करती है
बता दें कि नीम का पौधा जहां भी लगता है, जैसे ही उसमें एक हजार पत्ते हो जाते हैं, उसमें देवी देवता निवास करते हैं। क्योंकि नीम के पेड़ में देवी और देवताओं का घर होता है, हिन्दुओं के अनुसार नौ देवियां होती हैं। देवियां वहां पर जाकर निवास करते हैं। शास्त्रों में उल्लेख है जो भी नीम की छाया में जाकर बैठकर भोजन करते हैं, नीम की छाया में आराम करते हैं, नीम की छाया में जाकर बैठते हैं अगर छाया भी पड़ जाती है तो आदमी निरोगी होता है। किसी भी तरह के रोग का संचार नहीं होता है और बुद्धि प्रबल होती है, उसे व्यक्ति का भाग्योदय होता है।