Astrology Tips: एकादशी पर नहीं देना चाहिए तुलसी को जल, जानें क्या है कारण
Astrology Tips: ज्योतिष के अनुसार अगर एकादशी का व्रत सच्चे मन से किया जाए तो उसे मरने के बाद मोक्ष मिलता है तो वहीं भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय हैं, क्योंकि वह उनकी पत्नी हैं। कहते हैं एकादशी के दिन तुलसी को जल नहीं देना चाहिए।

Astrology Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. ज्योतिष के अनुसार अगर एकादशी का वृत सच्चे मन से किया जाए तो उसे मरने के बाद मोक्ष मिलता है तो वहीं भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय हैं, क्योंकि वह उनकी पत्नी हैं। कहते हैं एकादशी के दिन तुलसी को जल नहीं देना चाहिए।
बता दें कि एकादशी व्रत नाम के अनुसार ही हर महीने में एकादशी तिथि को आती है। इसलिए हर महीने में दो एकादशी आती जो शुक्ल पक्ष की और कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है। इस तरह साल में कुल 24 एकादशी होती है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बड़ा ही महत्व बताया गया है। और हर एकादशी का भी अपना अलग महत्व और लाभ भी समझाया गया है। एकादशी व्रत को संपूर्ण श्रद्धा और भक्तिभाव से करना चाहिए। इसे करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
एकादशी का व्रत से मोक्ष की प्राप्ति
ज्योतिष व पुराण की मानें तो जो आदमी श्रद्धा भाव से एकादशी का व्रत करता है वह उत्तम लोक को जाता है और पुण्य प्रभाव से वह मुक्ति को भी प्राप्त करता है। एकादशी के उपवास में दशमी तिथि से ही व्रती को नियम और संयम का पालन करना होता है। और एकादशी के दिन व्रत रखने के बाद द्वादशी के दिन पारण करना चाहिए।
एकादशी व्रत पर करें सात्विक भोजन
एकादशी व्रत का पारण सात्विक भोजन करें। इस बात का ध्यान दें कि इसमें चावल, दूध, दही, पनीर, मेवे, शहद, घी वगैरह शामिल होना चाहिए. पारण के समय शांत वातावरण में बैठकर ही भोजन करें जिससे वृत सफल हो सके।
एकादशी के व्रत से दरिद्रता होती है दूर
पुराणों में उल्लेख है कि एकादशी व्रत करने से दुर्भाग्य, दरिद्रता तथा कई प्रकार की परेशानियों दूर होकर मोक्ष की प्राप्ति तथा सुख-संपत्ति, ऐश्वर्य, पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति होती है। कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से एकादशी का व्रत रख सकता है. यह व्रत किसी भी लिंग या किसी भी आयु के व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है. हालांकि, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को निर्जला एकादशी व्रत नहीं करना चाहिए.
8 साल से लेकर 80 तक का आदमी रख सकता है एकादशी का व्रत
पुराणों के अनुसार 8 वर्ष की आयु से लेकर 80 साल तक की आयु के लोग एकादशी का व्रत कर सकते हैं। इस व्रत के तहत, एक व्यक्ति को महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों की एकादशियों का व्रत करना चाहिए।” प्रत्येक मनुष्य को, चाहे वह किसी भी जाति, लिंग, वर्ग, विवाहित या अविवाहित आदि का हो, उपवास कर सकता है।
एकादशी के दिन न तोड़ें तुलसी
ज्योतिष की माने तो तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है और एकादशी के दिन मां लक्ष्मी निर्जल व्रत रखती हैं। इसलिए इस दिन मां तुलसी को जल अर्पित न करें। एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए ।