अयोध्या के RAM MANDIR पर ATTACK करने रहमान ने ‘शंकर’ बनकर खरीदे दो हैंड ग्रेनेड

RAM MANDIR पर हमले का मंसूबा पाल रहा 19 साल का अब्दुल रहमान ने अपना नाम 'शंकर' धर लिया था। फरीदाबाद में वह इसी पहचान के साथ रह रहा था।

फरीदाबाद/अयोध्या. गुजरात और हरियाणा एटीएस ने फरीदाबाद के पाली गांव से एक संदिग्ध आतंकवादी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से दो हैंड ग्रेनेड (Two Hand Grenades) भी बरामद किए गए हैं। अयोध्या (Ayodhya’s) के राम मंदिर (RAM MANDIR) पर हमले (Attack) का मंसूबा पाल रहा 19 साल का अब्दुल रहमान (Rehman) ने अपना नाम ‘शंकर’ (Shankar) धर लिया (Posing) था। फरीदाबाद में वह इसी पहचान के साथ रह रहा था।

अब्दुल रहमान मूल रूप से अयोध्या का ही रहने वाला है। अयोध्या के बाद वह दिल्ली समेत कई राज्यों में घूम चुका था। हाईस्कूल तक पढ़ाई के बाद वह जमात के संपर्क में आया। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में रह चुका है। एक मार्च को दोस्त से मिलने के लिए दिल्ली जाने की बात कहकर वह अयोध्या निकला था और उसको मंगलवार को वापस घर जाना था। इससे पहले ही उसे दबोच लिया गया। अयोध्या के इनायतनगर थाने के मजनाई बाजार निवासी 19 वर्षीय युवक अब्दुल रहमान की हरियाणा में गिरफ्तारी की खबर के बाद अयोध्या में सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। एजेंसियां उसका इतिहास और वर्तमान खंगालने में जुटी है।

गुजरात एटीएस और फरीदाबाद एसटीएफ की ओर से पाली गांव से पकड़े गए अब्दुल रहमान के पिता अबू बकर अपने घर पर ही बेटे के नाम से चिकन की दुकान चलाते हैं और परिवार में मां के अलावा तीन छोटी बहनें हैं। क्षेत्र के ही मनीराम इंटर कालेज से हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के बाद वह काम-धंधे में लग गया था और ई रिक्शा खरीद उसको कीन्हुपुर और गांव के बीच चलाता था। क्षेत्रीय लोगों और परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक इसी दौरान वह जमात के संपर्क में आया और मौलाना हजरत उस्मान ने उसको दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज तक पहुचाया। लगभग छह महीने पहले अब्दुल जमात में शामिल होने दिल्ली गया और वहां लगभग चार महीने रहा। इसी बीच वह जमात में शामिल होने के लिए विशाखापत्तनम भी गया।

10 महीने से चल रही थी ट्रेनिंग

रहमान से एनआईए और आईबी के अधिकारी भी पूछताछ कर रहे हैं। इसमें पता चला है कि करीब दस महीने पहले रहमान आईएसआई के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आएसकेपी) मॉड्यूल से जुड़ा था। वहां से उसे ऑनलाइन वीडियो कॉल पर ट्रेनिंग दी गई। इसी दौरान उसे आंतकी गतिविधि के लिए उकसाया गया और कई टास्क दिए गए, जिसमें राम मंदिर में धमाका करना भी शामिल था।

कैसे पकड़ा गया शंकर बन रह रहा रहमान

अब्दुल रहमान और उसके मंसूबे का पता तब चला जब गुजरात एटीएस ने दिल्ली से एक आतंकवादी परवेज अहमद उर्फ पीके को दबोचा। दिल्ली के निजामुदद्दीन मरकज में रहने के दौरान रहमान जम्मू में लश्कर, हिजबुल मुजाहिदीन समेत अन्य संगठनों का वित्तीय नेटवर्क संभालने वाले परवेज अहमद उर्फ पीके से मिला था। एटीएस ने पीके को 27 फरवरी को निजामुद्दीन स्थित एक गेस्ट हाउस से पकड़ा था। उससे पूछताछ के बाद रहमान के बारे में पता चला। रहमान को पाली गांव के एक फार्म हॉउस के ट्यूवबेल वाले कमरे में छिपने का ठिकाना दिया गया था। यहां वह करीब 10 दिनों से शंकर नाम से रह रहा था। यहीं उसे दो हैंड ग्रेनेड भी उपलब्ध कराए गए थे।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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