Bhopal Van Vihar: एशियाटिक लॉयन का गुजरात से आया जोड़ा, विश्वभर के मेहमान करेंगे दीदार

Bhopal Van Vihar: राजधानी में 24 और 25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले विश्वरभर के उद्योगपति मेहमानों को लुभाने राजधानी को तैयार किया जा रहा है। इसी कड़ी में वन विहार में शनिवार को सुबह एशियाटिक लॉयन के जोडे़े छोड़ दिए गए हैं।

Bhopal Van Vihar: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. राजधानी भोपाल में 24 और 25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट( जीआईएस) से पहले विश्वर भर से आ रहे उद्योगपति मेहमानों को लुभाने से लिए राजधानी भोपाल को तैयार किया जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को सुबह एशियाटिक लॉयन के जोडे़े वन विहार छोड़ दिए गए हैं।

देसी-विदेशी मेहमान अब भोपाल में एशियाटिक सिंह भी देख सकेंगे। हाउस से बाड़े में जाते ही सिंह का यह जोड़ा मस्ती करने लगा। दोनों को एक ही बाड़े में छोड़ा गया है। यह जोड़ा गुजरात के जूनागढ़ से दिसंबर में लाया गया था। नर सिंह का नाम जूना और मादा सिंह का नाम गिरी है।

21 दिन किया क्वारेंटाइन

लॉयन के इन जोडों को  21 दिन की क्वारेंटाइन अवधि के लिए हाउस में रखा गया था। क्वारेंटाइन की अवधि तीन गुना हो गई थी। दोनों ही सिंह पूर्णत: स्वस्थ्य हैं। इसलिए उन्हें अब बाड़े में छोड़ा गया है। अब टूरिस्ट इनके दीदार कर सकते हैं। वन विहार नेशनल पार्क में लोग शनिवार से ही एशियाई शेरों के दीदार करना शुरू कर दिया है।  पहले दिन पिंजरा खुलते ही शेरों ने अपने बाड़े में छलांग लगा दी थी। हालांकि, पहले वे थोड़े डरे-सहमे नजर आए थे लेकिन फिर इधर-उधर मंडराने लगे। खाने के लिए उन्हें मीट भी दिया गया। इसके बाद वे माहौल में ढल गए हैं।

पांच दिन एक हजार किलों मीटर का किया था सफर

वन विहार के डायरेक्टर अवधेश मीना ने बताया कि वन विहार का 9 सदस्यीय दल 17 दिसंबर को जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़ियाघर में शेर को लेने पहुंचे थे, शियाई शेरों का जोड़ा  21 दिसंबर को भोपाल लाया गया था। 5 दिन में 1000 किमी का सफर तय किया था। इसके बाद इन्हें 21 दिन तक क्वारेंटाइन रखा गया था। 11 जनवरी को यह अवधि पूरी हो गई। हालांकि, उनकी सेहत को देखते हुए इन्हें ज्यादा समय तक यहां रखा गया। करीब पौने दो महीने के बाद इन्हें अब बाड़े में छोड़ा गया है। नर और मादा शेर की उम्र करीब 3 साल है।

2 नर और 3 मादा शेरों की हो गई संख्या

राजधानी स्थित वन विहार में अभी तक 3 शेर थे। जिनमें सत्या, गंगा और नदी शामिल हैं। नंदी और सत्या नंदन कानन चिड़ियाघर से लाए गए थे। अब 2 लॉयन और आ गए। इसके बाद यहां 2 नर और 3 मादा शेर हो गई हैं। गुजरात ने वन विहार नेशनल पार्क की बात 16 साल बाद मानी और चार साल के शेरों का जोड़ा दिया। इसके बदले में बांधवगढ़ नेशनल पार्क से लाए गए बाघ बी-2 और बाघिन बंदनी सक्करबाग चिड़ियाघर भेजे हैं।

 

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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