Income Tax : आयकर स्लैब में बड़ा बदलाव, अब 12 लाख तक कोई टैक्स नहीं
Income Tax : संसद का बजट सत्र के दूसरे दिन शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया है। इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है।

Income Tax : उज्जवल प्रदेश डेस्क, नई दिल्ली. संसद का बजट सत्र के दूसरे दिन शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया है। इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री ने बजट में ऐलान किया कि अब 12 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं देना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत में इनकम टैक्स की दरें समय के साथ बदलती रही हैं, जो आर्थिक विकास और जनसंख्या की आवश्यकताओं के अनुसार होती हैं, इन दरों में वृद्धि या कमी का सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ता है, जिससे यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि टैक्स प्रणाली सभी वर्गों के लिए न्यायसंगत हो।
कब-कब कितना बदला टैक्स दर
1997-98 में पहली बड़ी बढ़ोतरी
1997 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आयकर की दरों में महत्वपूर्ण बदलाव किए. इस वर्ष, 5 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 40% का कर लगाया गया था, जो उस समय का सबसे उच्चतम स्तर था।
2009-10 में अधिभार का समावेश
वित्त वर्ष 2009-10 में, सरकार ने व्यक्तिगत आयकर पर अधिभार को समाप्त कर दिया था। हालांकि, इसके बाद 2010-11 में, 10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 10% का अधिभार लागू किया गया।
2014-15 में नई कर व्यवस्था
2014 में नरेंद्र मोदी सरकार ने नई कर व्यवस्था पेश की। इस वर्ष आयकर स्लैब में कुछ बदलाव किए गए थे। 2.5 लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं था, लेकिन 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 10% और 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20% कर लगाया गया।
2018-19 में स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर
2018 में सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर को बढ़ाकर 4% कर दिया, इसने उच्च आय वर्ग पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाला, इसके अलावा इस वर्ष से नए टैक्स स्लैब भी लागू हुए थे।
2020-21 में कोविड-19 के प्रभाव
कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने राहत उपायों के तहत कुछ करों को स्थगित किया, लेकिन इसके बावजूद उच्च आय वर्ग के लिए टैक्स दरें स्थिर रहीं।
2021-22 में स्थिरता का प्रयास
इस वर्ष में भी सरकार ने टैक्स दरों को स्थिर रखा। हालांकि कुछ विशेष प्रावधानों के तहत उच्च आय वर्ग के लिए टैक्स दरें बढ़ाई गईं।
2024-25 में बड़ा बदलाव
वर्तमानमें न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं लगता। वहीं, 3 से 7 लाख तक की इनकम पर अभी 5 फीसदी टैक्स लगता है। 7 से 10 लाख रुपए तक की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स देना होता है, इस समय 10 से 12 लाख रुपए तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगता है।