BJP president Election: राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ UP के ‘मुखिया’ का नाम बना चुनौती
BJP President Election: भाजपा का कौन बनेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष? नेताओं और कार्यकर्ताओं से लेकर सियासी पंडितों के मन में यह सवाल गूंज रहा है। इसके साथ भाजपा के लिए देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के अगले प्रदेश अध्यक्ष के नाम की भी चुनौती बनी हुई है।

BJP president Election: उज्जवल प्रदेश, नईदिल्ली. कौन बनेगा भाजपा (BJP) का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष (President Election)? भगवा पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से लेकर सियासी पंडितों के मन में यह सवाल (Political Challenges) गूंज रहा है। अभी तक इस पद को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा नेतृत्व के बीच इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पा रही है। सूत्र यह भी बताते हैं कि हाल ही में दो-दो केंद्रीय मंत्रियों के नाम भाजपा अध्यक्ष के पद के लिए आरएसएस को भेजे गए थे, लेकिन उनमें से किसी के नाम पर भी सहमति नहीं बन सकी है।
भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए भेजा गया था। दोनों ही नेताओं को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। आरएसएस का मानना है कि भाजपा को 2029 के बाद के युग के लिए तैयार करना जरूरी है। संघ भाजपा के लिए अगली और एक नई पीढ़ी तैयार करना चाहता है।
आरएसएस चाहता है कि भाजपा को एक रबर स्टांप अध्यक्ष की जगह एक मजबूत नेतृत्व मिले जिसे पार्टी के कार्यकर्ता भी पसंद करते हों। वह नरेंद्र मोदी के बाद भाजपा को संभालने में सक्षम हो। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “आरएसएस और भाजपा के वर्तमान नेतृत्व के बीच तीन दौर की बैठकों के बाद भी सहमति नहीं बनी है। आगे और चर्चा होनी है।”
चर्चा में और भी कई नाम
इससे पहले खबर आई थी कि भाजपा अपने इतिहास में पहली बार किसी महिला नेता के हाथों में पार्टी की कमान सौंप सकती है। उनमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम प्रमुख था। इसके अलावा दो और केंद्रीय मंत्रियों के नाम इस रेस में थे, जनमें मनोहर लाल खट्टर और शिवराज सिंह चौहान शामिल हैं।
कौन बनेगा यूपी का अध्यक्ष?
राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम के चयन के साथ-साथ भाजपा के लिए देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (UP) के अगले प्रदेश अध्यक्ष (State Leadership) के नाम की भी चुनौती बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि यूपी में भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति पर भी अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के बीच सहमति नहीं बन सकी है।
कौन बनेगा भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष?
भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए तैयारी कर रही है। कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो चुकी है। उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में इसकी घोषणा बाकी है। इस सबके बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने स्पष्ट कर दिया है कि भगवा पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कैसा होगा। आपको बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत से चूकने के बाद BJP एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है। सत्ता में तो है पर पहले जैसा अजेय दबदबा नहीं है। अब जब पार्टी गठबंधन सरकार चला रही है, तो RSS का हस्तक्षेप अधिक स्पष्ट और मुखर हो गया है।
अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि RSS प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणियों को भाजपा के लिए मैसेज के तौर पर देखा जा रहा है। संघ प्रमुख ने सत्ता में बढ़ती अहंकार की भावना और संवादहीनता की आलोचना की तो इसे सीधे तौर पर BJP नेतृत्व के व्यक्तित्व केंद्रित मॉडल पर कटाक्ष माना जाने लगा है।
क्या चाहता है संघ?
>> आरएसएस एक ऐसा अध्यक्ष चाहता है जो अपेक्षाकृत युवा हो। जो संगठन के साथ जुड़ा हो। वह केवल रणनीतिकार न हो, बल्कि वैचारिक मार्गदर्शक भी हो।
>> आरएसएस व्यक्तिगत प्रभुत्व नहीं बल्कि संगठन आधारित नेतृत्व की चाह रखता है। भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कैडर से संवाद, फीडबैक को स्वीकार करने वाला और अंदरूनी लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने वाला नेता हो।
>> पार्टी में बढ़ते टेक्नोक्रेट्स और राजनीतिक प्रवासियों की भूमिका पर आरएसएस ने चिंता जताई है। संघ का कहना है कि भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष तकनीक नहीं, तपष्या से बना नेता हो।
>> भाजपा का नया अध्यक्ष उन लोगों से जुड़ा हो जो शाखा, प्रांत प्रचारक और बूथ स्तर पर काम कर रहे हैं। उसकी वैचारिक स्पष्टता को भी ध्यान में रखा जाए। समान नागरिक संहिता (UCC), जनसंख्या नीति, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों पर उसके विचार स्पष्ट हों।
28 प्रदेश अध्यक्ष बदले गए
BJP ने अब तक 36 में से 28 राज्यों में नए या फिर से नियुक्त अध्यक्षों की घोषणा कर दी है। बाकी महत्वपूर्ण राज्य जैसे कि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात की घोषणा बाकी है। इस जमीनी पुनर्गठन से पार्टी एक नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के लिए मंच तैयार कर रही है।
BJP या RSS में 75 की उम्र से रिटायरमेंट की कोई औपचारिक नीति नहीं है, लेकिन मोहन भागवत का हालिया बयान जिसमें उन्होंने 75 पार कर चुके लोगों के उत्तराधिकार तय करने की आवश्यकता पर बल दिया, ने हलचल मचा दी है।