भारत में बनेंगे दुनिया के 50 प्रतिशत iPhone,चीन को बड़ा झटका

चीन पर ऐपल की निर्भरता जगजाहिर है और कंपनी अपनी इस निर्भरता को अब कम करने में लगी है. बात चाहे आईफोन की हो या फिर किसी दूसरे ऐपल प्रोडक्ट की. कंपनी अपने प्रोडक्शन को चीन के बाहर ला रही है. ऐपल चीन में अपना प्रोडक्शन बंद नहीं कर रही बल्कि अपनी निर्भरता को कम कर रही है. इसका फायदा भारत और कुछ अन्य देशों को हो रहा है.

नई दिल्ली. भारत में आईफोन का प्रोडक्शन तेजी से बढ़ रहा है. एक नई रिपोर्ट की मानें तो साल 2027 तक दुनियाभर में बिकने वाले आधे आईफोन Made In India होंगे. बता दें बीते कुछ समय से एपल चीन के बाजार पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है.

हाल ही में कोरोना वायरस की वजह से चीन में स्तिथ दुनिया का सबसे बड़ा iPhone असेंबली प्लांट प्रभावित हुआ था. रिपोर्ट्स की माने तो हर हफ्ते कंपनी को इसकी कीमत अरबों डॉलर में चुकानी पड़ रही थी.

DigiTimes के रिसर्च एनालिस्ट ल्यूक लिन के अनुमान के अनुसार, भारत और वियतनाम चीन से स्मार्टफोन सप्लाई चैन माइग्रेशन के सबसे बड़े लाभार्थी बनने वाले है.

वहीं दूसरी तरफ भारत है, जो खुद को एपल के दूसरे सबसे बड़े प्रोडक्शन सेंटर के तौर पर स्थापित कर चुका है. पिछले साल ऐपल ने सितंबर में iPhone 14 का प्रोडक्शन भारत में शुरू कर दिया था.

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय पॉलिसी लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देती है जिसके चलते एपल धीरे-धीरे भारत में प्रोडक्शन को बढ़ाना चाहता है. ऐसा करने से कंपनी को स्थानीय यूजर्स के साथ अपने ब्रांड को पॉपुलर करने में और बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी.

ऐपल चीन में कम कर रहा प्रोडक्शन

चीनी सप्लायर्स इसे महसूस कर पा रहे हैं कि ऐपल उनके बाजार पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है. कंपनी के इस कदम का फायदा वियतनाम और भारत को मिल रहा है. हम सालों से ऐपल की चीनी बाजार पर निर्भरता के बारे में सुनते और पढ़ते आए हैं. मगर कोरोना वायरस महामारी ने इस तस्वीर को पूरी तरह से साफ कर दिया.

हाल में COVID-19 की वजह से मचे हाहाकार की वजह से दुनिया का सबसे बड़ा iPhone असेंबली प्लांट प्रभावित हुआ. हर हफ्ते कंपनी को इसकी कीमत अरबों डॉलर में चुकानी पड़ रही थी.

ये तो हालिया घटना है, लेकिन ऐपल चीन पर अपनी निर्भरता को धीरे-धीरे पिछले कई साल से कम कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ भारत है, जो खुद को ऐपल के दूसरे सबसे बड़े प्रोडक्शन सेंटर के तौर पर स्थापित कर चुका है. पिछले साल ऐपल ने सितंबर में iPhone 14 का प्रोडक्शन भारत में शुरू कर दिया.

भारत में बनेंगे लेटेस्ट iPhones

कंपनी चीन और भारत दोनों ही जगहों पर आईफोन 14 का प्रोडक्शन एक साथ शुरू करना चाहती थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. iPhone 15 के साथ हमें ऐसा देखने को मिल सकता है.

Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में फिलहाल सिर्फ 2.27 परसेंट ही ऐपल सप्लायर फैसिलिटी हैं. यानी भारत iPhone प्रोडक्शन के मामले में 8वीं पोजिशन पर आता है. इससे ऊपर अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, यूके, ताइवान, फ्रांस और साउथ कोरिया मौजूद हैं.

ये तस्वीर जल्द बदलने वाली है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट का अनुमान है कि साल 2027 तक दुनिया का हर दूसरा फोन Made In India होगा. JP Morgan ने इससे पहले अनुमान लगाया था कि साल 2025 तक दुनियाभर के 25 परसेंट आईफोन भारत में बनेंगे.

चीनी कंपनियों पर पड़ रहा असर

भारत से आईफोन शिपमेंट के आंकड़े अप्रैल से दिसंबर 2022 के बीच दोगुने हो गए हैं. वियतनाम में कंपनी मैकबुक और AirPods का प्रोडक्शन बढ़ा रही है. ऐपल पिछले काफी समय से चीन पर अपनी निर्भरता को लेकर चिंतित था. यही वजह है कि ऐपल अपने प्रोडक्शन को धीरे-धीरे चीन से बाहर बढ़ा रहा है.

Goertek इसका एक उदाहरण है. चीनी बाजार में लिस्ट इस कंपनी ने साल 2022 की आमदनी का अनुमान 60 परसेंट घटा दिया है. कंपनी ने ‘एक ओवरसीज क्लाइंट के प्रोडक्शन बंद’ करने को इसकी वजह बताई है.

यह कंपनी Apple Airpods और दूसरे डिवाइसेस के लिए एकॉस्टिक (आवाज सुनने वाले) पार्ट्स तैयार करती है. चीन पर ऐपल की निर्भरता की एक वजह क्वालिटी स्टैंडर्ड है. यही भारतीय सप्लायर्स के लिए चुनौती भी होगी.

यूके बेस्ड कंसल्टेंट Alan Day की मानें तो ऐपल चीनी सप्लायर्स के साथ काम ही नहीं बल्कि विकसित भी हुआ है. ये सब एक रात में नहीं किया जा सकता है. मगर चीन के बाहर भी ऐपल ज्यादातर ताइवान या फिर चीनी कंपनियों के साथ ही मिलकर काम कर रहा है. यानी कंपनी अपनी प्रोडक्शन यूनिट्स को सिर्फ चीन से बाहर कर रही है.

Show More
Back to top button