म्यूचुअल फंड निवेश का बेहतर विकल्प, लंबे समय में देता है फायदा

नई दिल्ली
आप्टिमा मनी मैनेजर के एमडी पंकज मथपाल कहते हैं कि अक्सर जब निवेश की बात आती है तो निवेशक बाजार पूंजीकरण आधारित विकल्पों को देखते हैं। हालांकि म्यूचुअल फंड की इस प्रक्रिया में जो चीज छूट जाती है वह है कांबिनेशन डील यानी मिला-जुला सौदा, जो लार्ज और मिडकैप श्रेणी के रूप में मौजूद है।

इसकी विशेषता यह है कि मिडकैप में निवेश लंबे समय में जहां ज्यादा फायदा देता है, वहीं लार्ज कैप में निवेश का उद्देश्य कम और अस्थिर उचित रिटर्न प्रदान करने का होता है। इसलिए यह योजना एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरती है। इसमें पोर्टफोलियो का कम से कम 35-35 फीसदी हिस्सा लार्ज और मिडकैप वाली कंपनियों में निवेश करने की अनिवार्यता है। इसलिए यह निवेश का यह एक बेहतर विकल्प है।

वास्तव में इस योजना के लिए निवेश में बाजार पूंजीकरण के मामले में शीर्ष पर 250 सूचीबद्ध कंपनियां हैं। शेयर बाजार की तेज गिरावट में म्यूचुअल फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। देश में इस उद्योग में निवेशकों के निवेश की कुल कीमत यानी एयूएम बढ़कर रिकॉर्ड स्तर 38 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियां लार्ज कैप और 101-250 तक की कंपनियां मिडकैप कहलाती है।

गिरावट के माहौल में अच्छा रिटर्न
यह श्रेणी मुख्य रूप से सेबी के फिर से वर्गीकरण योजना के बाद से अस्तित्व में आई है। हालांकि अक्तूबर के बाद से बाजार में चल रही गिरावट में भी इस फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उदाहरण के तौर पर बीएसई लार्ज मिड कैप बेंचमार्क का रिटर्न एक साल में 7.78 फीसदी का रिटर्न दिया है तो 3 साल में 13.19 फीसदी का फायदा दिया है। म्यूचुअल फंड की इस श्रेणी ने इसी समय में 6.93 और 13.64 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लार्ज और मिड कैप ने एक साल में 14.93 और तीन साल में 15.21 फीसदी का फायदा दिया है।

स्मॉलकैप में महज चार फीसदी निवेश
इस तरह के लगातार बेहतर प्रदर्शन का कारण काफी हद तक स्मार्ट पोर्टफोलियो के निर्माण के विकल्पों को माना जाता है। 30 अप्रैल, 2022 तक पोर्टफोलियो के 57 फीसदी हिस्से में लार्जकैप शामिल था। इसके बाद मिडकैप में 33 फीसदी और स्मॉलकैप में केवल 4 फीसदी शामिल हैं। आमतौर पर पोर्टफोलियो का 40-55 फीसदी लार्ज कैप और 35-45 फीसदी मिडकैप में निवेश किया जाता है।  

आर्थिक सुधार से फायदा पाने वाले सेक्टर पर फोकस
पोर्टफोलियो का बड़े पैमाने पर उन शेयरों और सेक्टर्स में निवेश किया जाता है जो टॉप डाउन और बॉटम अप नजरिये के मेल-जोल से चुने गए आर्थिक सुधार से फायदा पा सकते हैं। इसलिए पोर्टफोलियो में बड़े पैमाने पर घरेलू और वैश्विक और चक्रीय रिकवरी शामिल हैं। इसलिए बैंक, दूरसंचार, सॉफ्टवेयर और फाइनेंस में पोर्टफोलियो का लगभग 50 फीसदी हिस्सा होता है। इसमें जो शेयर पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने में मदद किए हैं उनमें एयरटेल, एनटीपीसी, फेडरल बैंक और आईटी जैसे बड़े स्टॉक हैं।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के फंड मैनेजर पराग ठक्कर का कहना है कि "हम निवेश का फैसला लेते समय उन शेयरों से दूर रहते हैं जिनमें कमजोर कैश फ्लो, नाजुक व्यापार का मॉडल और चुनौतीपूर्ण बैलेंसशीट हो। साथ ही संदेहास्पद मैनेजमेंट हो। हमारा उद्देश्य उचित मूल्य पर बेहतर शेयरों की तलाश करना है।"

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