ब्लैक आऊट होने पर 38 मिनट में चालू हो सकेंगे बिजलीघर

रायपुर
प्रदेश में आकस्मिक ब्लैक आउट होने की स्थिति में ताप विद्युत गृहों को पुनसंर्चालित करने हेतु हसदेव बांगो जल विद्युत गृह से स्टार्ट अप पॉवर सप्लाई करने संबंधी एक मॉकड्रिल (पूर्वाभ्यास) छत्तीसगढ़ स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में सफलतापूर्वक किया गया। मॉकड्रिल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि आपात स्थिति में पॉवर प्लांट के ब्लैक आऊट होने पर कोरबा पश्चिम के बिजली संयंत्रों को शुरू करने हेतु लगभग 38 मिनट में जल विद्युत संयंत्रों से बिजली पहुंचाई जा सके। गौरतलब है कि अचानक ब्लैक आऊट होने की स्थिति में पावर प्लांटों को फिर से स्टार्ट करना कठिन होता है, इसके लिए तुरंत बिजली की आवश्यकता पड़ती है, जिसकी तत्काल आपूर्ति जल विद्युत संयंत्रों से ही हो सकती है।  29 जून को यह मॉक ड्रिल छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन एवं उत्पादन कम्पनी के प्रबंध निदेशक क्रमश: श्रीमती उज्जवला बघेल तथा एन. के बिजौरा की उपस्थिति एवं कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ ।

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के डगनिया स्थिति लोड डिस्पैच सेंटर में संपादित इस ''ब्लेक स्टार्ट मॉकड्रिल (पूर्वाभ्यास) कीे मानीटरिंग मुंबई स्थित वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर के एक्सपर्ट इंजीनियर स्काडा सिस्टम से कर रहे थे। इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड और स्टेट ग्रिड कोड के प्रावधानों के अनुसार साल में दो बार इस तरह का मॉकड्रिल करना होता है। इस दौरान डंगनिया स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर में कार्यपालक निदेशक सर्व के. एस. मनोठिया, पी.सी.पारधी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्रीमती शारदा सोनवानी, आर.सी.अग्रवाल, आर. अरविंद, अधीक्षण अभियंता सर्वश्री संजय चैधरी, जी. के.मण्डावी, मनोज राय, एम.एस. सिंह, अनिल अग्रवाल कार्यपालन अभियंता सर्वश्री अर्जुन प्रसाद, जी.पी.सिंह, एस. सूर्यप्रकाश, नमिता विभा लकरा, सहायक अभियंता केतन मिश्रा, सुश्री रेशमा सेतपाल, जुवेना गोम्स। उत्पादन संकाय से कार्यपालन अभियंता श्रीमती अमिता बारा, चन्दर्प्रभा ठाकुर, अवनीश जोशी, देवेन्द्र खिलवार, हितेन्द्र मार्कन्डे, सहायक अभियन्ता एस.सी.भट्ट, सविता चक्रवर्ती, संध्या देवागंन आदि उपस्थित थे ।

राज्य भार प्रेषण केन्द्र के नियंत्रण कक्ष में ड्युटी पर उपस्थित कार्यपालन अभियंता मनोज रावटे एवं सहायक अभियंता श्रीमती प्रीति गुप्ता की मॉकड्रिल को सम्पन्न कराने में सक्रिय एवं महत्वपूर्ण भूमिका रही । इसी तरह बांगो जल विद्युत संयंत्र के अधीक्षण अभियंता पी.के. पंड्या एवं उनकी टीम, विद्युत गृह कोरबा पूर्व में ए.एस.मरावी एवं उनकी टीम, कोरबा पश्चिम में व्ही.के. पांडे एवं उनकी टीम, पारेषण संकाय से कोरबा पूर्व, जमनीपाली, छुरीखुर्द एवं खरमोरा विद्युत उपकेन्द्रों सें डी.एस.पटेल, अधीक्षण अभियंता एवं उनकी टीम, वितरण संकाय से एस.के. चक्रवर्ती अधीक्षण अभियंता कोरबा एवं उनकी टीम का कोरबा पूर्व, जमनीपाली एवं छुरीखुर्द तथा संचार एवं टेलीमीटरी संकाय से श्रीमती अजय कंवर कार्यपालन यंत्री, उरांव एवं उनकी टीम की सक्रिय भूमिका इस मॉकड्रिल को सम्पन्न कराने में रही है।

ऐसे पूरी हुई मॉकड्रिल की प्रक्रिया- मॉक ड्रिल के दौरान सर्वप्रथम बांगो जल विद्युत गृह, छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व के उपकेन्द्रों से फीड होने वाले क्षेत्रों को मिलाकर एक आईलैण्ड सब-सिस्टम बनाया गया । इसके पश्चात् इस आईलैण्ड सब-सिस्टम में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित की गई । इस तरह एक बनावटी बिजली संकट छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा क्षेत्र में निर्मित किया गया । इसके पश्चात् इंजीनियरों की टीम ने युद्धस्तर पर बिजली संकट क्षेत्र में बिजली बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की । इसके लिये बांगो में उपलब्ध डीजल जनरेटर सेट से बंद जल विद्युत इकाई क्रमांक-3 को सर्विस में लेकर बांगो उपकेन्द्र के बस को चार्ज किया गया और वहां उत्पादित बिजली को 132 के.व्ही. लाईनों के माध्यम से छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व 132 के.व्ही. उपकेन्द्रों तक क्रमश: पहुंचाया गया और पूर्व निर्धारित 33/11 के.व्ही. विद्युत फीडरों को एक के बाद एक चालू कर बांगों की जल विद्युत इकाई से करीब 22 मेगावाट लोड लिया गया । इसके पश्चात् आईलैण्ड सब-सिस्टम की फ्रिक्वेन्सी एवं वोल्टेज को मॉनीटर करते हुए बांगो जल विद्युत गृह की सप्लाई को कोरबा पश्चिम ताप विद्युत गृह तक पहुंचाया गया । इस पूरी प्रक्रिया में 38 मिनट का समय लगा । इसके पूर्व में ''ब्लैक स्टार्ट मॉकड्रिल 27 नवंबर 2021 को किया गया था ।

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