जुमार्ना अदा न करने पर जेलों मे बंद कैदी हो सकतें है रिहा

बिलासपुर
किसी कारणवश जुमार्ना अदा नही करने पर जेलों मे सलाखों के पीछे बंद कैदियों की रिहाई का दायित्व अब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण निभाएगा। छत्तीसगढ उच्च न्यायालय ने इन बंदियों के प्रति अपनी संजीदगी व संवेदनशीलता परिचय देते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को जेल प्रबंधन को पत्र लिखकर बंदियों जानकारी मांगने को कहा है।

सोमवार को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने जमानत के एक मामले की सुनवाई करते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश जारी किए हैं कि ऐसे कैदियों की रिहाई के लिए मामला दायर करें, जो जुमार्ने की राशि जमा नहीं कर पाने के कारण जेल में बंद है। इसके बाद राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने राज्य शासन और प्रदेशभर के जेल अधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसे कैदियों की सूची मांगी है। जो जुमार्ना अदा नहीं करने पर सजा काट रहे हैं ।इनकी जुमार्ने की राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जमा करेगा।

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