DILLI RIOTS में KAPIL MISHRA पर FIR-जांच का अदालत ने दिया आदेश
DILLI RIOTS से जुड़े केस में अदालत ने दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे में कपिल मिश्रा की भूमिका की जांच की मांग करते हुए दायर याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को यह आदेश दिया।

DILLI RIOTS: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली दंगे (DILLI RIOTS) से जुड़े केस में अदालत (Court) ने कपिल मिश्रा के खिलाफ (Against) जांच (Investigation) का आदेश (Orders) दिया है।
2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे में कपिल मिश्रा की भूमिका की जांच (Investigation) की मांग करते हुए दायर याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को यह आदेश दिया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को दंगे हुए थे, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे।
अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से उपलब्ध कराई गई सामग्रियों के आधार पर पता चलता है कि कपिल मिश्रा की मौजूदगी कर्दम पुरी इलाके में थी और एक संज्ञेय अपराध हुआ है जिसकी जांच की आवश्यकता है। कपिल मिश्रा अभी करावल नगर से विधायक हैं और दिल्ली की भाजपा सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया है। मिश्रा कानून और रोजगार समेत कई अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं।
अडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने ‘प्रथम दृष्टया’ संज्ञेय अपराध पाया और आगे जांच की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, ‘यह साफ है कि वह कथित अपराध के समय इलाके में मौजूद थे। आगे जांच की आवश्यकता है।’ अदालत ने यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास की याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मोहम्मद इलियास ने कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने की मांग को लेकर यह याचिका दायर की थी। दिल्ली पुलिस ने यह कहकर याचिका का विरोध किया था कि कपिल मिश्रा की दंगों में कोई भूमिका नहीं थी।
पुलिस ने अदालत को बताया कि प्राथमिकी में मिश्रा की भूमिका की जांच की गई थी।
अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा था, ‘डीपीएसजी (दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट) समूह की चैट से पता चलता है कि चक्का जाम की योजना पहले से ही बनाई गई थी, 15 और 17 फरवरी, 2020 की शुरुआत में। पुलिस जांच से पता चला है कि मिश्रा पर दोष मढ़ने की एक योजना बनाई गई थी।’