Delhi Election 2025: केजरीवाल ने मध्यम वर्ग के लिए किए वादे, केंद्र से सात मांगें
Delhi Election 2025: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मध्यम वर्ग के लिए अपनी पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी किया।

Delhi Election 2025: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मध्यम वर्ग के लिए अपनी पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी किया। चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए केजरीवाल ने कहा कि मध्यम वर्ग “कर आतंकवाद” का शिकार है और केंद्र के लिए “एटीएम” बन गया है। केजरीवाल ने कहा कि वह और उनकी पार्टी मध्यम वर्ग के मुद्दों को सड़क से संसद तक ले जाएंगे।
दिल्ली के पूर्व सीएम ने चुनाव से पहले केंद्र से सात मांगें भी रखीं। केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश में कहा, आज हम केंद्र सरकार से भारत की असली महाशक्ति-मध्यम वर्ग को पहचानने की अपील करते हैं। मैं घोषणा करता हूं कि AAP सड़क से संसद तक मध्यम वर्ग की आवाज बनेगी। हम मांग करते हैं कि अगला राष्ट्रीय बजट मध्यम वर्ग को समर्पित हो।
उन्होंने कहा, सरकारें मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं करती हैं, लेकिन जब भी उन्हें उनकी ज़रूरत होती है, वे कर के हथियार के ज़रिए मध्यम वर्ग को निशाना बनाती हैं। मध्यम वर्ग भारी मात्रा में कर चुकाता है, लेकिन बदले में उसे कुछ नहीं मिलता। भारत का मध्यम वर्ग सरकार के एटीएम में सिमट कर रह गया है। यह कर आतंकवाद का शिकार है।
केंद्र से केजरीवाल की 7 मांगें
केजरीवाल ने मांग की कि केंद्रीय बजट में शिक्षा के लिए आवंटन दो प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए और देश भर के निजी स्कूलों की फीस पर सीमा तय की जाए,
- उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और छात्रवृत्ति,
- स्वास्थ्य बजट भी बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए,
- आयकर छूट सीमा सात लाख से बढ़ाकर 10 लाख की जाए,
- आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाया जाए,
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए मजबूत सेवानिवृत्ति योजना और पेंशन योजना और सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में उनके लिए मुफ़्त इलाज।
- वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे टिकट में 50 प्रतिशत छूट देने की योजना फिर से शुरू की जाए।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 5 फरवरी को होने हैं और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। दिल्ली में आप और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। केजरीवाल की अगुआई वाली पार्टी तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश करेगी, जबकि भाजपा आप को सत्ता से बेदखल करने की पूरी कोशिश कर रही है। पिछले दो विधानसभा चुनावों में खाता खोलने में विफल रही कांग्रेस को अपने वोट शेयर में बढ़ोतरी की उम्मीद होगी।