Desh News: सरकार ने SOCIAL MEDIA प्लेटफॉर्म्स को दी चेतावनी-कॉलर आईडी टैम्परिंग वाले APPS और ADS तुरंत हटाएं
Desh News: डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने निर्देश जारी किया है। Google, Meta, Instagram और X समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ऐसे ऐड्स और कंटेंट या ऐप्लिकेशन को तुरंत रिमूव करना होगा, जो कॉलर आईडी टैम्परिंग की सुविधा प्रदान करते हैं।

Desh News: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Social Media Platforms) को निर्देश जारी किया है। इस निर्देश के तहत Google, Meta, Instagram और X समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ऐसे ऐड्स (Ads) और कंटेंट (Content) या ऐप्लिकेशन ( Apps) को तुरंत रिमूव (Immediately Remove) करना होगा, जो कॉलर आईडी टैम्परिंग की सुविधा प्रदान करते हैं।
आसान शब्दों में कहें तो ऐसे कंटेंट या ऐप्लिकेशन्स को हटाना होगा, जिसकी मदद से टेलीकॉम यूजर्स अपनी पहचान को बदल सकते हैं। इसे Telecommunications Act 2023 में अपराध माना गया है। DoT का ये कदम कॉलर लाइन आईडेंटिफिकेशन फ्रॉड या CLI स्पूफिंग को रोकने के लिए उठाया गया है।
क्यों DoT ने जारी किया ये निर्देश?
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने ये एडवायजरी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की एक वीडियो वायरल होने के बाद जारी की है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि टेलीकॉम यूजर्स किस तरह से अपनी कॉलर लाइन आइडेंटिफिकेशन को बदल सकते हैं। इसकी वजह से जब वो दूसरे यूजर्स को कॉल करेगा, तो उन्हें अलग नंबर नजर आएगा। यानी इस तरीके का इस्तेमाल करके आप अपने असली नंबर को छिपा सकते हैं। जब यूजर इसका इस्तेमाल करके किसी को कॉल करता है, तो दूसरे यूजर को ओरिजनल नंबर नजर नहीं आएगा, बल्कि कोई दूसरा नंबर दिखेगा। कॉलर आइडेंटिटी से इस तरह की छेड़छाड़ को CLI स्पूफिंग कहते हैं।
Caller ID से छेड़छाड़ माना जाता है अपराध
सामान्यतः सोशल मीडिया को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड IT की ओर से नियम जारी किए जाते हैं। मगर इस मामले में DoT ने संज्ञान लिया है। इसकी वजह ऐसी छेड़छाड़ का टेलीकम्युनिकेशन एक्ट के तहत आना है। एडवाइजरी के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 28 फरवरी तक इन नियमों के हिसाब से बदलाव करना होगा। अगर इन नियमों का पालन नहीं होता है, तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। इसके तहत तीन साल तक की जेल और 50 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। DoT ने साफ किया है कि कोई भी ऐप्लिकेशन जो इस तरह की सर्विस ऑफर करता है या उसे प्रमोट करता है, तो उसे भी अपराध माना जाएगा।