पेट्रोल पंपों पर Digital Payment Ban, आज से नहीं चलेगा UPI और कार्ड, जानिए अचानक क्यों लिया गया ये फैसला
Digital Payment Ban: महाराष्ट्र के पेट्रोल पंप डीलर्स ने 10 मई 2025 से UPI और कार्ड पेमेंट बंद करने का फैसला किया है। साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों से परेशान होकर यह कदम उठाया गया है। अब पेट्रोल और डीजल की खरीददारी केवल नकद भुगतान से होगी। डिजिटल लेनदेन अस्थायी रूप से रोका जाएगा।

Digital Payment Ban: उज्जवल प्रदेश डेस्क. डिजिटल इंडिया की दिशा में बढ़ते भारत में अब पेट्रोल पंपों पर नया संकट खड़ा हो गया है। महाराष्ट्र के कई जिलों में पेट्रोल पंप मालिकों ने 10 मई 2025 से डिजिटल पेमेंट बंद करने की घोषणा की है। कारण है- साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामले और इससे होने वाला वित्तीय नुकसान।
पेट्रोल पंपों पर डिजिटल पेमेंट पर रोक, 10 मई से लागू
देशभर में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की कोशिशें लंबे समय से जारी हैं। लेकिन अब महाराष्ट्र से आई एक खबर आम जनता की परेशानी बढ़ा सकती है। राज्य के कई पेट्रोल पंप मालिकों ने 10 मई 2025 से UPI, डेबिट कार्ड और अन्य डिजिटल माध्यमों से पेमेंट लेने से इनकार कर दिया है। यह कदम उन्होंने साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों से बचने के लिए उठाया है।
क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
डिजिटल पेमेंट से जहां आम आदमी को सुविधा मिल रही है, वहीं पेट्रोल पंप संचालकों के लिए यह सिरदर्द बनता जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल के महीनों में पेट्रोल पंप डीलर्स को बड़े पैमाने पर फ्रॉड का सामना करना पड़ा है। उपभोक्ताओं द्वारा की गई डिजिटल पेमेंट को बाद में फर्जीवाड़ा बताते हुए रद्द करा दिया जाता है, जिससे पंप मालिकों को आर्थिक नुकसान होता है।
कैसे होता है साइबर फ्रॉड?
फेडरेशन ऑफ ऑल महाराष्ट्र पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार, फ्रॉड करने वाले लोग या तो किसी और का कार्ड इस्तेमाल करते हैं या फिर हैकिंग के जरिए पेमेंट करते हैं। बाद में बैंक या पुलिस के जरिए उस ट्रांजेक्शन को कैंसिल करा देते हैं। इसका सीधा असर पंप मालिकों की कमाई पर पड़ता है, जिससे कई के खाते भी ब्लॉक हो गए हैं।
किन शहरों में होगा सबसे पहले लागू?
यह निर्णय सबसे पहले विदर्भ, नासिक, नागपुर, और औरंगाबाद जैसे क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है। विदर्भ पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन और नासिक पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने इस निर्णय की पुष्टि की है। इन संगठनों ने बताया कि अगर सरकार या बैंक कोई ठोस समाधान नहीं देती, तो यह रोक अनिश्चितकाल तक जारी रह सकती है।
पेट्रोल पंप मालिकों की क्या है मांग?
पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि वे डिजिटल इंडिया का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि सिस्टम में सुधार चाहते हैं। उनकी मांग है कि अगर कोई डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है, तो उसके रद्द होने की स्पष्ट प्रक्रिया होनी चाहिए और पंप मालिकों को सुरक्षा दी जाए। इसके अलावा साइबर फ्रॉड के मामलों में फास्ट ट्रैक समाधान की व्यवस्था की जाए।
कैश ही एकमात्र विकल्प
डिजिटल पेमेंट पर रोक के बाद अब पेट्रोल और डीजल खरीदने वालों को नकद भुगतान करना होगा। इससे उन लोगों को असुविधा हो सकती है जो रोजाना डिजिटल वॉलेट या UPI से भुगतान करते हैं। खासकर युवा वर्ग, ऑफिस गोअर्स और टैक्सी ड्राइवरों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
क्या कहती है सरकार?
फिलहाल सरकार की ओर से इस विषय में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय और रिजर्व बैंक को इस पर संज्ञान लेने के लिए पत्र भेजा गया है। एसोसिएशनों ने यह भी कहा है कि अगर उन्हें भरोसेमंद समाधान और सुरक्षा नहीं दी गई, तो डिजिटल पेमेंट पर रोक जारी रहेगी।
पहले भी हो चुकी हैं शिकायतें
यह पहली बार नहीं है जब पेट्रोल पंप मालिकों ने डिजिटल पेमेंट से होने वाले नुकसान की शिकायत की हो। पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन तब पेमेंट की राशि कम होने की वजह से डीलर्स ने चुप्पी साध ली थी। अब जब नुकसान लाखों में पहुंच रहा है, तो यह मुद्दा गंभीर हो गया है।
आगे क्या?
अगर यह स्थिति लंबी चलती है, तो इसका असर अन्य राज्यों पर भी पड़ सकता है। देश में लाखों लोग रोजाना पेट्रोल पंप से ट्रांजेक्शन करते हैं और यदि यह ट्रेंड बढ़ा, तो डिजिटल इंडिया की कोशिशों को झटका लग सकता है। इसलिए सरकार और बैंकों को जल्द से जल्द कोई समाधान निकालना होगा।
साइबर फ्रॉड से परेशान होकर लिया निर्णय
10 मई 2025 से महाराष्ट्र के कई शहरों में पेट्रोल पंप डिजिटल पेमेंट नहीं लेंगे। यह फैसला साइबर फ्रॉड से परेशान होकर लिया गया है। इससे आम लोगों को थोड़ी परेशानी जरूर होगी, लेकिन पंप मालिकों की सुरक्षा भी जरूरी है। अब देखना है कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।
भारत-पाक तनाव के बीच सीमावर्ती इलाकों में पेट्रोल खरीद का उबाल
तनाव के 24 घंटे: क्या हुआ अब तक?
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सीमावर्ती इलाकों खासकर पंजाब में स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी की घटनाएं सामने आई हैं। इससे सीमावर्ती गांवों में डर और घबराहट का माहौल बन गया है।
लोगों की घबराहट: पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें
इस तनाव का सीधा असर आम जनता पर पड़ता दिख रहा है। पंजाब के सीमावर्ती जिलों में जैसे ही तनाव की खबरें आईं, लोगों में ईंधन को लेकर डर बैठ गया। कई इलाकों में पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें देखी गईं। लोगों को डर है कि कहीं ईंधन की सप्लाई बाधित न हो जाए, इसी वजह से वे टैंक फुल करवा रहे हैं।
IOCL और BPCL ने की जरूरी अपील
इस बीच इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी कर लोगों से घबराहट में खरीदारी न करने की अपील की है। IOCL ने लिखा कि इंडियन ऑयल के पास देशभर में पर्याप्त ईंधन स्टॉक है। हमारी सप्लाई लाइन सामान्य रूप से कार्य कर रही है। कृपया घबराहट में खरीदारी न करें और अनावश्यक भीड़ से बचें।