Acidity Symptoms : हल्के में ना लें एसिडिटी, हो सकता हैं कैंसर, हार्ट अटैक का भी संकेत

Acidity Symptoms : एसिडिटी और हार्टबर्न की शिकायत यदि आपको रहती हैं तो आप इस बात से अच्छी तरह वाकिफ होंगे कि यह कितनी ज्यादा तकलीफ देता है। इसे एसिड रिफ्लक्स भी कहते हैं।

Acidity Symptoms : एसिडिटी (Acidity) और हार्टबर्न (Heart Burn) की शिकायत यदि आपको रहती हैं तो आप इस बात से अच्छी तरह वाकिफ होंगे कि यह कितनी ज्यादा तकलीफ देता है। इसे एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux) भी कहते हैं। एसिडिटी (Acidity) का मुख्य कारण पाचन विकार होता हैं जो कि बहुत सामान्य होता है।

आज के समय में सभी लोगों जैसे बूढ़े, युवा और बच्चें सभी एसिडिटी से परेशान रहते हैं और इन सबका कारण उनकी अनियमित जीवनशैली और असंतुलित आहार हैं। यदि आपको बार-बार एसिडिटी हो रही हैं तो जान लें कि यह कोई बीमारी की ओर संकेत तो नहीं दे रही हैं जानें किन बीमारियों से आप हो सकते हैं ग्रसित:

पेट का अल्सर | Stomach Ulcers

पेट में बनने वाले पाचन एसिड्स बहुत मजबूत होते हैं। एसिडिटी होने पर पेट में लगातार पाचन एसिड्स बनने लगते हैं और इस वजह से पेट की लाइनिंग को दिक्कत होने लगती है जोकि पेट के अल्सर का भी रूप ले सकती है। ये एक गंभीर बीमारी है।

ओसोफेगिटिस | Oesophagitis

ओसोफेगस एक मस्कुलर ट्यूब होती है जोकि गले और पेट को जोड़ती है और इसी के जरिए खाना और पानी हमारे शरीर के अंदर जाता है। जब एसिडिटी होती है तो पेट में बहुत ज्यादा एसिड बनने लगता है और ये ओसेफेगस में भी पहुंच जाता हैं और इस ट्यूब को दिक्कत देने लगता है। इसमें जलन भी होती है। इस समस्या को ओसोफेगिटिस कहा जाता है। इस बीमारी के लक्षण हैं गले में खराश, निगलने में दिक्कत, सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी, फ्लू आदि।

हर्निया | Hernia

जब पेट की मांसपेशियों का एक हिस्सा पेट के क्षेत्र में डायाफ्राम (मांसपेशी परत जो छाती और पेट को अलग करता है) के माध्यम से ढकेलता है, तो यह हाइटल हर्निया बीमारी का कारण बनता है। इस बीमारी में खाना और पाचन एसिड पेट से वापस सीने में आने लगता है। इस वजह से एसिडिटी हो जाती है। अगर आपको हाइटल हर्निया है तो तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाएं।

पेट का कैंसर | Colon Cancer

अगर आपको लगातार एसिडिटी की शिकायत रहती है तो आपको नियमित चेकअप करवाते रहना चाहिए। पेट कैंसर का शुरूआती चरण एसिडिटी ही होता है क्योंकि कैंसर कोशिकाएं पेट की लाइनिंग को दिक्कत देती हैं और अत्यधिक पाचन फ्लूइड पैदा करती हैं। इसलिए एसिडिटी को नजरअंदाज करना पेट के कैंसर का कारण भी बन सकता है। अगर आपको लगातार एसिडिटी की समस्या रहती है तो आपको तुरंत चैकअप करवा लेना चाहिए।

हार्ट अटैक | Heart Attack

बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि एसिडिटी और हार्ट बर्न हार्ट अटैक का शुरूआती संकेत होता है। हार्ट अटैक से पहले सीने में जलन, छाती में कसावट, जी मितली आदि संकेत मिलते हैं। कुछ एसिडिटी को मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। हार्ट अटैक आने से पहले आपको इस समस्या का निदान कर लेना चाहिए।

पित्ताशय की पथरी | Gallstones

पित्ताशय में पाचन फ्लूइड के जम जाने पर उसमें पथरी भी बन सकती है। एक से ज्यादा पथरी होने पर ये बाइल को बंद कर देते हैं और इसके कारण पाचन फ्लूइड पेट में ज्यादा बढ़ने लगते हैं और एसिडिटी पैदा करते हैं इसलिए एसिडिटी को पथरी का कारक भी माना जाता है।

गैस्ट्रोईसोफेगियल रिफ्लक्स रोग | Gastroesophageal Reflux Disease

इसे जीईआरडी भी कहा जाता है जोकि एसिडिटी की एक पेरेंट डिसीज है। आमतौर पर ये दोनों बीमारियां साथ ही होती हैं। ये एक पाचन विकार है जिसमें पाचन में अत्यधिक फ्लूइड बनने की वजह से पेट में जलन होने लगती है और ये एसिडिटी का कारण बनता है। कभी-कभी एसिडिटी होने का मतलब ये नहीं है कि आप जीईआरडी से ग्रस्त हैं। ये अस्वस्थ आहार की देन है। हालांकि, स्वस्थ आहार लेने पर भी बार-बार एसिडिटी हो सकती है और यही जीईआरडी का लक्षण है और इसे तुरंत इलाज की जरूरत है।

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार लेखन, संपादन और तथ्यात्मक विश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल की, हमेशा सटीक और विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाना उनका लक्ष्य रहा है। वह डिजिटल, प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया में भी अच्छा अनुभव रखतें हैं और पत्रकारिता के बदलते रुझानों को समझते हुए अपने काम को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहतें हैं।
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