Earthquake: अंडमान सागर में 5.2 तीव्रता का भूकंप, क्षेत्र में दहशत का माहौल
Earthquake: 24 जून को दोपहर 3:47 बजे अंडमान सागर में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया। समुद्र में 61 किलोमीटर गहराई पर इसका केंद्र था।

Earthquake: उज्जवल प्रदेश डेस्क. मंगलवार दोपहर अंडमान सागर में भूकंप के तेज झटकों से इलाके में दहशत का माहौल बन गया। राष्ट्रीय भूकंपीय विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, यह भूकंप 24 जून को भारतीय समयानुसार 3:47 बजे दर्ज किया गया था। रिक्टर स्केल पर 5.2 की तीव्रता का भूकंप हुआ, जो मध्यम श्रेणी का भूकंप है।
समुद्र के भीतर 61 किमी की गहराई में था भूकंप का केंद्र
NCS की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप (Earthquake) का उत्पत्ति केंद्र समुद्र तल से 61 किलोमीटर की गहराई में था। यह गहराई इसे अपेक्षाकृत कम विनाशकारी बनाती है, क्योंकि गहराई में उत्पन्न झटकों का असर सतह पर कम होता है। भूकंप का एपिसेंटर (केंद्रबिंदु) 8.97° उत्तरी अक्षांश और 94.24° पूर्वी देशांतर पर स्थित था।
Earthquake: जानमाल के नुकसान की कोई पुष्टि नहीं
फिलहाल, किसी प्रकार की जानमाल की हानि की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। हालांकि, झटकों (Earthquake) के बाद स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर हैं। लोगों से घबराने के बजाय सतर्क रहने की अपील की गई है।
हरियाणा के रेवाड़ी में भी महसूस किए गए हल्के झटके
इस भूकंप (Earthquake) से एक दिन पहले, सोमवार रात हरियाणा के रेवाड़ी जिले में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। भारतीय भूकंपीय विज्ञान केंद्र के अनुसार, उस भूकंप की तीव्रता 2.5 थी और उसका केंद्र रेवाड़ी इलाके में ही था।
यह भूकंप काफी हल्का था और इससे किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय निवासियों में से कुछ को झटका महसूस हुआ, वैज्ञानिकों के अनुसार, 2.5 या इससे कम तीव्रता वाले भूकंप आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होते हैं।
भूकंप क्यों आते हैं? जानिए वैज्ञानिक कारण
भूकंप (Earthquake) के पीछे मुख्य कारण टेक्टोनिक प्लेटों की गति होती है। धरती की ऊपरी परत कई टेक्टोनिक प्लेटों से बनी होती है जो लगातार गति करती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या एक-दूसरे के नीचे चली जाती हैं, तो उनके किनारों पर अत्यधिक तनाव उत्पन्न होता है।
जब यह तनाव अपनी सीमा पार कर जाता है, तो चट्टानों में टूट-फूट होती है और वह ऊर्जा झटके के रूप में बाहर आती है—इसी प्रक्रिया को भूकंप कहा जाता है।
Earthquake: भारत में क्यों आते हैं अधिक भूकंप?
भारत का उत्तरी क्षेत्र, विशेष रूप से हिमालयी बेल्ट, टेक्टोनिक गतिविधियों के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। यही वजह है कि यहां अक्सर हल्के से मध्यम श्रेणी के भूकंप आते रहते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन छोटे झटकों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ये भविष्य में बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकते हैं।