NAV BHARAT प्रेस के डायरेक्टर पर ED ने 15.67 करोड़ के घोटाले का दर्ज करवाया मामला

NAV BHARAT Press, ED, Case On Director Registers, Rs 15.67 Crore Scam

NAV BHARAT: भोपाल. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भोपाल के एक मीडिया हाउस के डायरेक्टर और अन्य लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। ED ने डायरेक्टर (Director) और अन्य के खिलाफ 22 मार्च, 2025 को भोपाल के विशेष न्यायालय में शिकायत दर्ज (Case Registers) कराई। कोर्ट ने उसी दिन इस पर ध्यान दिया।

आरोप है कि प्रेस के आधुनिकीकरण के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र से लोन लिया गया था। इस लोन की राशि को गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया, जिससे बैंक को 15.67 करोड़ (Rs 15.67 Crore) रुपए का नुकसान रूपी घोटाला (Scam) हुआ।

सीबीआई की रिपोर्ट पर जांच

ED ने बताया कि यह जांच CBI की एक रिपोर्ट पर आधारित है। CBI ने IPC की धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया था। ED की जांच में पता चला कि मीडिया हाउस ने 2004 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र से लोन लिया था। यह लोन प्रेस को आधुनिक बनाने और मशीनें खरीदने के लिए था।

लेकिन, कंपनी ने इस राशि को अपने कर्मचारियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। ED ने रात जारी बयान में बताया कि जांच सीबीआई, SPE, BS और FC, नई दिल्ली द्वारा भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की तमाम धाराओं के तहत दायर आरोपपत्र पर आधारित है.

जांच में खुलासा हुआ कि मेसर्स नवभारत (NAV BHARAT) प्रेस (Press) भोपाल प्राइवेट लिमिटेड ने अपने निदेशक सुमीत माहेश्वरी और अन्य के माध्यम से 2004 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की गौतम नगर शाखा से लोन लिया था. यह राशि प्रेस के आधुनिकीकरण और मशीनों की खरीद के लिए स्वीकृत की गई थी, लेकिन इसे NB ग्रुप ऑफ कंपनीज के कर्मचारियों के नाम पर बने विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया.

ED की जांच से पता चला कि माहेश्वरी परिवार ने कॉर्पोरेट संस्थाओं का दुरुपयोग करते हुए लोन की राशि को व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट देनदारियों को चुकाने के लिए डायवर्ट किया. इस अनियमितता के चलते बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 15.67 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ और लोन खाता गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) में बदल गया.

इससे पहले, ED ने 30 मार्च 2024 को अस्थायी कुर्की आदेश (PAO) के तहत मध्य प्रदेश के सतना और सीहोर में स्थित 2.36 करोड़ रुपये की 10 अचल संपत्तियों को कुर्क किया था. इस कुर्की को PMLA की अधिनिर्णय प्राधिकरण, नई दिल्ली ने 10 सितंबर 2024 को अपने आदेश से पुष्टि की थी. ED ने कहा कि यह कार्रवाई बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त कदमों का हिस्सा है. मामले में आगे की जांच जारी है.

ईडी की जांच में बड़े खुलासे

ED की जांच में यह भी पता चला कि डायरेक्टर के परिवार ने लोन की राशि को अपनी निजी जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने इस पैसे से अपनी देनदारियां चुकाईं। इस गड़बड़ी के कारण बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 15.67 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। लोन खाता NPA (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) में बदल गया। NPA का मतलब है कि बैंक को लोन की राशि वापस मिलने की उम्मीद नहीं है।

एक साल पहले हुई थी कार्रवाई

ED ने पहले 30 मार्च 2024 को मध्य प्रदेश के सतना और सीहोर में 2.36 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। यह संपत्ति 10 अचल संपत्तियां थीं। ED ने यह कार्रवाई PMLA के तहत की थी। PMLA एक कानून है जो मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए बनाया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब है काले धन को वैध बनाना। नई दिल्ली में PMLA की एक संस्था ने 10 सितंबर 2024 को कुर्की को सही ठहराया था।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और… More »

Related Articles

Back to top button