गरियाबंद में पोटाश बम से घायल हाथी शावक “अघन” की मौत

गरियाबंद

गरियाबंद में पोटाश बम से घायल हाथी शावक “अघन” की आज मौत हो गई। दरअसल, शावक को मां और झुंड छोड़कर चले गए। जिसके बाद डॉक्टरों की टीम शावक को स्वस्थ करने में जुट गई। साथ ही ट्रैक्टर टीम ने दल के मूवमेंट पर भी नजर रख हुए थे। ठीक होते ही शावक को मां से मिलाने की तैयारी थी। लेकिन शावक “अघन” ने दोपहर 3.35 बजे अंतिम सांस ली। उदंती सीता नदी अभ्यारण्य के उपनिदेशक वरुण जैन ने इसकी पुष्टि की है।

बता दें कि घायल शावक को उसकी मां और झुंड छोड़कर चला गया था। जिसके बाद नन्हें शावक की सलामती में उपनिदेशक वरुण जैन के नेतृत्व में 30 अफसर, कर्मी के अलावा दो महावत और वाइल्ड लाइफ चिकित्सक डॉक्टर राकेश वर्मा 24 घंटे शावक की निगरानी व उसके मूमेंट में लगे हुए थे। हाथी के शावक की मां को ट्रैक्टर टीम ने 5 किमी की परिधि में ट्रैक किया था। लेकिन शुक्रवार को ‘अघन’ की तबियत बिगड़ गई थी। डॉक्टर्स तौरेंगा रेंज में शावक का उपचार कर रहे थे। आज दोपहर 3.35 बजे शावक अघन ने अंतिम सांस ली।

महिला अफसर ने किया था शावक का नामकरण

हाथी के शावक के ऑपरेशन को देखने सीसीएफ सतोविषा समाजदार रिसगांव रेंज के सालेहभाठ पहुंची थी। उन्होंने शावक को स्वास्थ्य करने चलाए जा रहे अभियान को करीब से देखा था। शावक के सकारात्मक व्यवहार को देखते हुए महिला अफसर ने शावक का नामकरण कर अघन नाम रख दिया था।

पोटाश बम के घातक केमिकल से बने हाथी के जीभ के घाव भरने का नाम नहीं ले रहा था। लगातार उपचार के बावजूद जीभ और गले के एक हिस्से में इन्फेक्शन बढ़ रहा था। जिसके चलते शावक ने भोजन त्याग दिया था।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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