10 हजार करोड़ रुपए का CYBER FRAUD करने वाला बाप-बेटा RAJASTHAN से ARREST, दर्ज हैं 5000 FIR
CYBER FRAUD के ऐसे रैकेट का राजस्थान में भंडाफोड़ किया है, जिसने देशभर में हजारों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया।

CYBER FRAUD: उज्जवल प्रदेश, श्रीगंगा नगर। राजस्थान (RAJASTHAN) के श्रीगंगा नगर में पुलिस ने एक ऐसे साइबर ठगी (CYBER FRAUD) रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसने देशभर में हजारों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया। इस मामले में पुलिस ने एक बाप-बेटे (Father-Son) की जोड़ी को गिरफ्तार ( ARREST) किया है। जिस पर 10 हजार करोड़ (Rs 10000 Crores) रुपये से अधिक की ठगी का आरोप है।
इतना ही नहीं उसके खिलाफ भारत सरकार के पोर्टल पर 76 हजार से अधिक शिकायतें और 5 हजार एफआईआर (5000 FIRs) दर्ज (Registered) हैं। पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह का जाल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना समेत 15 राज्यों में फैला हुआ था। गिरफ्तारी के बाद कई अन्य आरोपी देश छोड़कर भाग गए हैं। पुलिस को जांच के दौरान बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज, करोड़ों रुपये की गाड़ियां, कैश और मकानों के पेपर भी मिले हैं।
गंगानगर पुलिस ने लाजपत आर्य और उसके बेटे दीपक आर्य को अंबिका एनक्लेव सेक्टर से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया, पिता 8वीं फेल है और बेटा दीपक 12वीं पास है। पुलिस किसी अन्य मामले में आरोपियों की तलाश में गई थी। इस दौरान पुलिस ने इन दोनों लोगों को पकड़ लिया और पूछताछ की। पुलिस पूछताछ में जो बातें सामने आईं, उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। इनके पास 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड है।
पूछताछ में पुलिस को कई ऐसी जानकारियां मिलीं, जिसे सुनकर पुलिस भी दंग रह गई। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को इनके पास से 85 लाख की लग्जरी कार समेत तीन कारें, 10 लाख रुपये कैश, 6 फोन, 6 कंप्यूटर, 6 ATM कार्ड, करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी के कागजात, फ्लैट और मकान मिले।
शेयर मार्केटिंग की ट्रेनिंग देने के लिए बनाया था ऐप
SHO सुभाष ढील ने बताया कि बाप-बेटे दोनों शुरुआत में मार्केटिंग का काम करते थे और इसके बाद साउथ चले गए। वहां उन्होंने केपमोर एफएक्स नाम से मोबाइल ऐप बनाया। इसकी मदद से शेयर मार्केट में मुनाफा दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने लगे। देखते ही देखते महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना समेत देश के 15 राज्यों से लाखों लोग इनसे जुड़ने लगे।
ये लोग लोगों को शेयर बाजार में निवेश के तरीके सिखाते थे। इसके लिए ये जगह-जगह सेमिनार आयोजित करते थे। ये लोगों को 15 से 20 दिन की ट्रेनिंग देते थे। इतना ही नहीं इसके बदले में रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर 10 से 15 हजार रुपये भी लेते थे।
छोटे-छोटे निवेश के जरिए लोगों को फंसाते थे
पुलिस जांच में पता चला है कि शुरुआत में ये दोनों लोगों से छोटे-छोटे निवेश खाते खुलवाते थे और भरोसा जीतने के लिए एक हजार रुपये का खाता खुलवाकर लोगों से निवेश करवाते थे। 500 रुपये का रिटर्न प्रॉफिट देकर ग्राहक के खाते में 1500 रुपये जमा करवाते थे। ताकि निवेशक उनके बताए अनुसार और निवेश कर सकें और इस तरह से ये लोगों का भरोसा जीतकर अपना जाल फैलाने लगे।
शिकायत पर पकड़े गए जालसाज
पुलिस ने बताया कि कर्नाटक निवासी कटप्पा बाबू चौहान ने सदर थाने में आरोपियों के खिलाफ 4।50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो उनके होश उड़ गए। रकम कई करोड़ रुपये की थी। इस दौरान आरोपियों को इसकी भनक लग गई और इस गिरोह के कई लोग विदेश भाग गए।
जांच में हुए बड़े खुलासे
पुलिस जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं। पुलिस ने बताया कि इस मामले में 67000 शिकायतें दर्ज की गई हैं। साइबर ठगी की लाखों शिकायतें हैं और महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा समेत 15 राज्यों में 5000 मामले दर्ज किए गए हैं।