Flying Taxi In India: देश में 2028 तक उड़ने वाली टैक्सी का सपना होगा साकार! भारत के बड़े शहरों में ट्रैफिक की समस्या का समाधान
Flying Taxi In India: सोना एसपीईईडी और सरला एविएशन द्वारा संयुक्त रूप से डेवलप यह एयर टैक्सी ईवीटीओएल तकनीक पर आधारित है, यानी बिना रनवे के सीधे ऊपर-नीचे उड़ान भर सकती है।

Flying Taxi In India: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. भारत में पहली उड़ने वाली टैक्सी ‘शून्य’ का प्रोटोटाइप इस साल ऑटो एक्सपो 2025 में दिखाया गया। सोना एसपीईईडी और सरला एविएशन द्वारा संयुक्त रूप से डेवलप यह एयर टैक्सी ईवीटीओएल तकनीक पर आधारित है, यानी बिना रनवे के सीधे ऊपर-नीचे उड़ान भर सकती है। अगर यह एयर टैक्सी भारत में लॉन्च होती है तो इससे बड़े शहरों के ट्रैफिक में फंसे लोगों को बड़ी सुविधा होगी और यातायात की समस्या कम होगी। साल 2028 तक इसे बाजार में लाने का लक्ष्य है।
ऑटो एक्सपो में आकर्षण का केंद्र बनी एयर टैक्सी ‘शून्य’
इस साल भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 में सरला एविएशव की एयर टैक्सी ‘शून्य’ आकर्षण का केंद्र है। सरला एविएशन के साथ सोना एसपीईईडी इस एयर टैक्सी को बनाने में जीतोड़ मेहनत कर रही है। केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी के साथ ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी ‘शून्य’ के प्रोटोटाइप का जायजा लिया और इसे ऐतिहासिक बताया और अपनी गहरी रुचि दिखाई। सोना एसपीईईडी पहले ही इसरो के कई अंतरिक्ष मिशनों में अपना योगदान दे चुकी है।
अर्बन मोबिलिटी को मिलेगी नई रफ्तार
सरला एविएशन के सीईओ राकेश गांवकर का कहना है कि इंजीनियरिंग में सोना एसपीईईडी की विशेषज्ञता इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सियों के लिए हमारे दृष्टिकोण को पूरी तरह से पूरा करती है। यह सहयोग अत्याधुनिक ईवीटीओएल टेक्नोलॉजी के साथ अर्बन मोबिलिटी को फिर से परिभाषित करने के हमारे मिशन को मजबूत करता है।
कर्नाटक की फैक्ट्री में बनेंगे ‘शून्य’ के पार्ट्स
वहीं, सोना एसपीईईडी के सीईओ चोको वलियाप्पा ने कहा कि यह साझेदारी एयरोस्पेस इनोवेशन के हब रूप में सोना एसपीईडी के विकास में एक बड़ा कदम है। हमारा लक्ष्य साथ मिलकर अर्बन मोबिलिटी के लिए एक स्वच्छ, तेज और ज्यादा कुशल भविष्य को आकार देना है। अब यह कंपनी शहरी हवाई परिवहन में क्रांति लाने के लिए तैयार है। सोना एसपीईईडी अपनी कर्नाटक स्थित फैक्ट्री में ‘शून्य’ के जरूरी पुर्जे बनाएगी। इनमें मोटर और लैंडिंग गियर जैसे जरूरी उपकरण शामिल हैं।