उत्तम स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए करें Amalaki Ekadashi का व्रत
Amalaki Ekadashi: एकादशी तिथि को चतर्भुजधारी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मानी गई है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण तथा शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर उत्साह और विधि से करनी चाहिए।

Amalaki Ekadashi: उज्जवल प्रदेश डेस्क. एकादशी तिथि को चतर्भुजधारी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मानी गई है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण तथा शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर उत्साह और विधि के साथ व्रत करते हैं इसके साथ ही गरीब लोगों में किया जाता है ।
आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) इस बार 10 मार्च को है। होली और महाशिवरात्रि के बीच में पड़ने वाली इस एकादशी को आंवला एकादशी और रंगभरी एकादशी भी कहते हैं। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत उत्तम स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए माना जाता है। इस दिन मंदिर में आंवला का पेड़ लगाना भी शुभ होता है।
यह व्रत जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है
हिन्दू धर्म के अनुसार आमलकी एकादशी का व्रत जातक द्वारा करने से उसके कई लाभ बताये गए हैं। वहीं हिंदू धर्मग्रंथों की मानें तो ऐसा करने से सैकड़ों तीर्थयात्राओं और यज्ञों के बराबर का पुण्य जातक को मिलता है। इस दिन चतुर्भुजधारी विष्णु की पूजा करने से कई जन्मों के पापों का नाश होता है और मोक्ष मिलता है।
10 मार्च 2025 को है आमलकी एकादशी
आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) 10 मार्च, सोमवार को है। फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी 9 मार्च, रविवार सुबह 7 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 10 मार्च, सोमवार सुबह 7 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, आमलकी एकादशी 10 मार्च को मनाई जाएगी। आमलकी एकादशी का व्रत 10 मार्च को है।
Amalaki Ekadashi का शुभ मुहूर्त 2025
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 59 मिनट से 05 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
- निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
- अभिजीत मुहूर्त- 12:08 पी एम से 12:55 पी एम रहेगा।
- अमृत काल- 06:12 पी एम से 07:52 पी एम रहेगा।
हर तरह के दुख-दर्द और पापों से मुक्ति मिलती है
ज्योतिष के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से कई तीर्थों के दर्शन करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन विष्णु जी की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन आंवला की पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि आंवला के पेड़ में विष्णु जी का वास होता है। इसलिए इस दिन इनकी पूजा करने से जातकों को हर तरह के दुख-दर्द और पापों से मुक्ति मिल जाती है।