जीएसटी ने धर्मशाला में फीका किया दूध दही का स्वाद, खाद्य पदार्थों के मूल्यों में भी इजाफा, महंगाई से लोग परेशान

धर्मशाला
जीएसटी ने दूध दहीं का स्वाद फीका कर दिया है। गेहूं व अन्य अनाज पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी लगने से जनता पर अतिरिक्त भार बढ़ गया है। बात करें धर्मशाला शहर की तो पहले 180 ग्राम दहीं का पाउच जो 15 रुपये में मिलता था अब 17 रुपये में मिल रहा है। इसी तरह से एक एक किलो दही की पैकिंग जो साठ रुपये की थी वह 65 रुपये हो गई है। अगर बात करें दूध की तो आधा लीटर दूध की पैकिंग पहले 25 रुपये की थी अब 27 रुपये तक जा पहुंची है। इसी तरह से मटर जो पहले 90 रुपये के पैकिंग में प्रतिकिलो आते थे अब 100 रुपये हो गए हैं। जीएसटी ने महंगाई को बढ़ा दिया है।

पहले से महंगाई की मार झेल रहे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। अभी तक डमटाल व पठानकोट से गेहूं के आटे के नए रेट यहां धर्मशाला के करियाना दुकानदारों के पास नहीं पहुंचे हैं। लेकिन 25 किलो तक की आटा पैकिंग के दामों में भी उछाल आया है। वहीं ऐसे थैले जिनमें कुछ भी प्रिंट नहीं होगा उसमें जीएसटी नहीं होगी। जबकि जिन थालों में आटा कंपनी का नाम व दाम अंकित होगा उसमें जीएसटी तय प्रतिशतता के आधार पर ली जाएगी। अगर बात करें खाद्य वस्तुओं की तो जीएसटी लागू होने से आम आदमी की परेशानी बढ़ गई है।

गृहिणियों को घर चलाना मुश्किल हो गया है। महिलाओं में सुनीता देवी, अनीता, रजनी देवी, रीना, वीना देवी, पूजा ने बताया कि इस तरह से सरकार महंगाई बढ़ाएगी तो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ मुश्किल हो जाएगा। घरेलू गैस के सिलिंडर ने पहले से ही रसोई का जायका बिगाड़ा है और अब जीएसटी ने आम प्रयोग में आने वाले वस्तुओं के दामों को भी बढ़ा दिया है।

Deepak Vishwakarma

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