Health Tips: वार्निंग नहीं देता है ग्लूकोमा, चश्मा लगाने के बाद भी नहीं दिखेगा साफ

Health Tips: आंखों कमजोर होने पर दिखना मुश्किल हो जाता है। चश्मा लगाने के बाद भी साफ नहीं दिखता है। यह ऑप्टिक नर्व के डैमेज होने से बनती है। आंखों के डॉक्टर ने पांच बीमारियों को इसका कारण बताया है, जिन्हें कंट्रोल करना बहुत जरूरी है।

Health Tips: आंखों कमजोर होने पर दिखना मुश्किल हो जाता है। चश्मा लगाने के बाद भी साफ नहीं दिखता है। यह ऑप्टिक नर्व के डैमेज होने से बनती है। आंखों के डॉक्टर ने पांच बीमारियों को इसका कारण बताया है, जिन्हें कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। ग्लूकोमा (Glaucoma) आंखों की बीमारी है, जो ऑप्टिक नस को नुकसान पहुंचने से बनती है। यह नस आंखों से मस्तिष्क तक सिग्नल पहुंचाती है।

ग्लूकोमा (Glaucoma) दुनिया में अंधेपन का एक बड़ा कारण है। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और अक्सर इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, जब तक नजर पर गंभीर असर न पड़े। चश्मा लगाने के बाद भी मरीजों को साफ दिखाई नहीं देता है। कुछ बीमारियां ग्लूकोमा के खतरे को बढ़ा सकती हैं। गुरुग्राम स्थित मेदांता ऑप्थलमोलॉजी के चेयरमैन डॉ. सुदीप्तो पकरासी आंखों को हेल्दी रखने के लिए इन 5 मुख्य बातों पर ध्यान देने के लिए कहते हैं।

डायबिटीज

डॉक्टर के अनुसार डायबिटीज ग्लूकोमा (Glaucoma) के खतरे को काफी बढ़ा देती है। हाई ब्लड शुगर से आंखों की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे ऑप्टिक नस प्रभावित हो सकती है और आंखों में दबाव बढ़ सकता है। इससे नजर खोने का खतरा रहता है। डायबिटीज के मरीजों को आंखों की नियमित जांच करवानी चाहिए, ताकि वक्त रहते बीमारी का पता चल सके और इलाज हो सके।

मायोपिया

गंभीर मायोपिया को हाई मायोपिया भी कहते हैं। यह आंख के आकार को बदल देता है, जिससे रेटिना और ऑप्टिक नस खिंच जाती है। यह ऑप्टिक नस पर दबाव बढ़ाता है और ग्लूकोमा (Glaucoma) का खतरा बढ़ा देता है। हाई मायोपिया वाले लोगों को नियमित रूप से आंखों की जांच करवानी चाहिए।

सिकल सेल एनीमिया

सिकल सेल एनीमिया एक ब्लड डिसऑर्डर है, जो ऑप्टिक नस तक रक्त प्रवाह को रोक सकता है या कम कर सकता है। थकान, दर्द, हाथ-पैर में सूजन या त्वचा व आंखों में पीलापन इसके लक्षण हो सकते हैं। इस स्थिति में नियमित आंखों की जांच कराना जरूरी है।

हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर से आंखों पर बुरा असर पड़ता है। यह ऑप्टिक नर्व को पोषण देने वाली रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे ग्लूकोमा का खतरा बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए जीवनशैली में बदलाव करें या डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें।

माइग्रेन या बार-बार सिरदर्द

जिन्हें अक्सर माइग्रेन या सिरदर्द होता है, उनमें ग्लूकोमा का खतरा थोड़ा ज्यादा होता है। माइग्रेन के दौरान ऑप्टिक नस तक ब्लड फ्लो कम हो सकता है, जिससे समस्या हो सकती है। अगर आपको बार-बार सिरदर्द या माइग्रेन होता है, तो यह आंखों की परेशानी का संकेत भी हो सकता है।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

Related Articles

Back to top button