जूडो खिलाड़ी जसलीन को राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने उच्च न्यायालय की स्वीकृति

र्बिमंघम
भारत की पदक की उम्मीदों को बढ़ावा मिला जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने जूडो खिलाड़ी जसलीन सिंह को दुर्व्यवहार के सभी आरोपों से बरी कर दिया जिससे उनका राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने का रास्ता साफ हो गया।

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता ने पीटीआई से कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने जसलीन के पक्ष में फैसला दिया है और अब वह र्बिमंघम जाएगा।’’ दो साल पहले यहां हुई राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता जसलीन और कमरे में उनके साथ रहने वाला एक अन्य खिलाड़ी जून में बेनिडोर्म के एलिकांते में एक महीने लंबे ट्रेंिनग सह अनुभव दौरे के दौरान स्पेन की महिलाओं एक समूह के साथ झड़प में शामिल होकर विवाद में फंस गए थे।

महिलाओं के समूह ने अगले दिन दोनों को ‘क्लीन चिट’ दी थी लेकिन प्रशासक न्यायमूर्ति पंकज नकवी द्वारा संचालित महासंघ ने ‘एहतियाती कदम’ के तौर पर दोनों खिलाड़ियों को वापस बुला लिया था।

एक कोच ने कहा, ‘‘लेकिन बाद में पता चला कि ये दोनों नहीं बल्कि एक अन्य समूह झड़प में शामिल था। महिलाओं ने भी उन्हें क्लीन चिट दी और पुलिस में उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं की गई।’’ इस विवाद के बाद 66 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करने वाले जसलीन को राष्ट्रमंडल जूडो टीम से बाहर कर दिया गया था।

इससे अन्याय करार देते हुए जसलीन उच्च न्यायालय की शरण में गए और उन्हें तथा उनके परिवार को राहत मिली है। कोच ने कहा, ‘‘चुनौती पेश करने वालों को देखते हुए जसलीन पदक के प्रबल दावेदार हैं और अब देखना होगा कि वह वापसी के लिए मानसिक रूप से कितने फिट हैं। अब तक तीन से चार पदक की उम्मीद कर सकते हैं।’’ भारतीय जूडो खिलाड़ी एक और तीन अगस्त को प्रतिस्पर्धा पेश करेंगे और जसलीन के 29 जुलाई तक यहां पहुंचने की उम्मीद है।

 

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार लेखन, संपादन और तथ्यात्मक विश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल की, हमेशा सटीक और विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाना उनका लक्ष्य रहा है। वह डिजिटल, प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया में भी अच्छा अनुभव रखतें हैं और पत्रकारिता के बदलते रुझानों को समझते हुए अपने काम को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहतें हैं।

Related Articles

Back to top button