Jobs: बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में हायरिंग बूम! इंजीनियरों की मांग सबसे ज्यादा
Jobs: भारत के बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में 63% कंपनियां नई भर्तियों की योजना बना रही हैं। इंजीनियरों की मांग सबसे अधिक है, खासकर नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट ग्रिड तकनीकों में।

Jobs: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारत के बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों की बाढ़ आने वाली है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 63% कंपनियां वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में अपनी भर्ती प्रक्रिया तेज करने की योजना बना रही हैं। खासतौर पर इंजीनियरिंग, बिक्री और आईसीटी विशेषज्ञों की भारी मांग है। जानिए इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं और कौन से शहर बन सकते हैं आपकी नई जॉब डेस्टिनेशन।
बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसर
भारत का बिजली और ऊर्जा क्षेत्र जबरदस्त बदलाव के दौर से गुजर रहा है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 63% कंपनियां वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में अपने कार्यबल को बढ़ाने की योजना बना रही हैं। यह वृद्धि मुख्य रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और स्मार्ट ग्रिड समाधानों में कुशल पेशेवरों की आवश्यकता के कारण देखी जा रही है।
कौन-कौन से शहर हैं हायरिंग में सबसे आगे?
बेंगलुरु इस समय हायरिंग के मामले में सबसे आगे है, जहां 51% नियोक्ता अपने कार्यबल को बढ़ाने की तैयारी में हैं। इसके बाद कोयंबटूर और भोपाल 50-50% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर हैं। वहीं, उभरते हुए जॉब मार्केट में वडोदरा 21% के साथ शीर्ष पर है, जबकि विशाखापट्टनम और भोपाल क्रमशः 17% और 15% के साथ सूची में शामिल हैं।
इंजीनियरों की मांग सबसे ज्यादा
रिपोर्ट के अनुसार, बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में इंजीनियरों की मांग सबसे अधिक है। 63% नियोक्ता इंजीनियरिंग पदों के लिए सक्रिय रूप से भर्तियां कर रहे हैं। इसके अलावा, 61% भर्तियां बिक्री पेशेवरों के लिए और 48% आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) विशेषज्ञों के लिए की जा रही हैं।
क्यों बढ़ रही है हायरिंग की मांग?
नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता कंसल्टिंग और स्मार्ट ग्रिड विश्लेषण में बड़े पैमाने पर नौकरियां आ रही हैं। भारत के स्वच्छ ऊर्जा और स्थिरता लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कुशल पेशेवरों की जरूरत बढ़ रही है। सरकार द्वारा 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने और 2030 तक 50% बिजली नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न करने के लक्ष्य तय किए गए हैं। इस दिशा में निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र तेजी से कार्य कर रहे हैं।
हायरिंग में तेजी से उभरते क्षेत्र
बिजली और ऊर्जा उद्योग में हायरिंग का रुझान मुख्य रूप से तीन प्रमुख क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है…
- नवीकरणीय ऊर्जा: सौर और पवन ऊर्जा कंपनियां विशेषज्ञों की भर्ती कर रही हैं।
- स्मार्ट ग्रिड तकनीक: आधुनिक ग्रिड प्रबंधन और ऊर्जा दक्षता में कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ रही है।
- आईसीटी और डेटा एनालिटिक्स: उन्नत तकनीक और डिजिटल बदलाव के कारण आईसीटी विशेषज्ञों की जरूरत बढ़ रही है।
भारत का ऊर्जा क्षेत्र, आर्थिक विकास का इंजन
टीमलीज सर्विसेज के मुख्य परिचालन अधिकारी सुब्बुराथिनम पी. ने कहा कि भारत का ऊर्जा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां यह वैश्विक स्थिरता प्रयासों में बड़ी भूमिका निभा रहा है। इनोवेशन और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए कंपनियां कुशल कार्यबल तैयार कर रही हैं।”
भविष्य की संभावनाएं
भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नौकरियों की संभावनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। जैसे-जैसे कंपनियां उभरते रुझानों को अपनाएंगी, वैसे-वैसे कुशल पेशेवरों की मांग और बढ़ेगी। भारत के आर्थिक और औद्योगिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इस क्षेत्र में निरंतर विकास और नवाचार जारी रहेगा।