उत्तर दाखिल नहीं किया तो लगाई जाएगी दस-दस हजार की कॉस्ट; स्टेट बार चैंबर आवंटन मामले में HC सख्त

जबलपुर

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने एमपी स्टेट बार काउंसिल के चैंबर आवंटन प्रकरण को गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट ने स्टेट बार और सदस्य जगन्नाथ त्रिपाठी को चेतावनी दी है कि यदि दो सप्ताह में जवाब पेश नहीं किया गया तो 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माना राशि जमा करने पर ही जवाब स्वीकार किया जाएगा। जुर्माना एमपी लीगल एड के कोष में जमा करनी होगी। प्रकरण की अगली सुनवाई 18 नवंबर वाले सप्ताह में होगी।

याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी अधिवक्ता ग्रीष्म जैन की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि स्टेट बार के सदस्य जगन्नाथ त्रिपाठी ने मनमाने तरीके से आवंटित चैंबर का 54 माह तक लाभ उठाया है। इस अवधि के बिजली बिल का भी उनके द्वारा भुगतान नहीं किया गया है। हाईकोर्ट ने नियम विरुद्ध आवंटन पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसके बावजूद, दिवंगत हो चुके या जज बन चुके वकीलों के रिश्तेदारों को चैंबर आवंटित कर दिए गए हैं।

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता की ओर से यह दलील दी गई कि चार माह गुजर चुके हैं, लेकिन स्टेट बार और सदस्य जगन्नाथ त्रिपाठी की ओर से अब तक जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस जानकारी को रिकॉर्ड पर लेते हुए हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई और उपरोक्त आदेश जारी किए।

 

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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