सपने में कुछ ऐसी चीजें दिखाई दे तो समझ लेने Kalsarp Dosha
Kalsarp Dosha: हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जिसकी भी कुंडली में यह दोष होता है उसे जीवन में ढेरों परेशानियों का सामना करना पड़ता है और उसे हर काम में असफलता का देखने को मिलती है।

Kalsarp Dosha: उज्जवल प्रदेश डेस्क. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कालसर्प दोष एक गंभीर ग्रह दोष है जो जातक के जीवन में अनेक समस्याएं लाता है। अगर आपके सपने में बार-बार कुछ विशेष चीजें दिखाई दें, तो यह कालसर्प दोष का संकेत हो सकता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जिसकी भी कुंडली में यह दोष होता है उसे जीवन में ढेरों परेशानियों का सामना करना पड़ता है और उसे हर काम में असफलता का देखने को मिलती है। यही नहीं यह दोष व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित करता है। कहते है कि कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को सपने में कुछ ऐसी चीजें दिखाई देती है, जिससे कुंडली में कालसर्प दोष का संकेत मिलता है।
सपने में दिखने वाले संकेत जो कालसर्प दोष की ओर इशारा करते हैं
सांप से जुड़े सपने
- काला या विशाल सांप दिखना।
- सांप द्वारा डसा जाना या उसका पीछा करना।
- सपने में सांप को मारने की कोशिश करना पर असफल होना।
अंधेरा, गड्ढे या कब्रिस्तान
- सपने में खुद को अंधेरी जगह पर फंसा हुआ देखना।
- किसी गड्ढे में गिरना या दफन होते हुए महसूस करना।
मृत व्यक्ति या भूत-प्रेत
- मरे हुए लोगों से बात करना या उन्हें डरावने रूप में देखना।
- किसी अज्ञात शक्ति द्वारा दबाव महसूस करना।
पानी से जुड़े डरावने सपने
- गंदा पानी, कीचड़ या सूखा कुआँ दिखना।
- डूबने का सपना देखना।
खून, हिंसा या दुर्घटना
- खुद को चोटिल देखना या खून बहता हुआ महसूस करना।
- दुर्घटना या युद्ध जैसे दृश्य देखना।
क्या करें अगर ऐसे सपने आएं?
- कुंडली की जांच करवाएं: किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली में कालसर्प दोष की पुष्टि करवाएं।
- रुद्राभिषेक या नागपूजा करवाएं: शिव मंदिर में रुद्राभिषेक या नाग देवता की पूजा करने से इस दोष का प्रभाव कम होता है।
- मंत्र जाप: ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जाप करें।
- नाग गायत्री मंत्र: “ॐ नागदेवाय विद्महे, विषदंताय धीमहि, तन्नो सर्पः प्रचोदयात्।”
- दान करें: काले तिल, उड़द की दाल या काला कंबल दान करना शुभ माना जाता है।
कालसर्प दोष कब बनता है? (ज्योतिषीय शर्तें)
कुंडली में कालसर्प दोष तब बनता है, जब सभी 7 ग्रह (बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, सूर्य, चंद्रमा) राहु और केतु की धुरी (अक्ष) के बीच फंस जाते हैं। यानी, अगर राहु-केतु एक सीधी रेखा में हों और बाकी ग्रह उनके बीच आ जाएं, तो कालसर्प योग बनता है।
कालसर्प दोष बनने की 3 मुख्य शर्तें
राहु-केतु के बीच सभी ग्रह हों:
अगर कुंडली में राहु से केतु तक की रेखा में सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु और शनि आ जाएं, तो यह दोष बनता है।
उदाहरण: अगर राहु 1वें भाव में है और केतु 7वें भाव में, तो बीच के 2 से 6 भावों में सभी ग्रह फंसने पर कालसर्प योग बनेगा।
राहु-केतु केतु-राहु अक्ष पर हों:
राहु और केतु हमेशा एक-दूसरे के 180° विपरीत होते हैं (जैसे 1-7, 2-8, 4-10 भाव)।
अगर इन दोनों के बीच बाकी ग्रह आ जाएं, तो दोष सक्रिय होता है।
कोई ग्रह राहु-केतु के बाहर न हो:
अगर एक भी ग्रह (जैसे गुरु या शुक्र) राहु-केतु की रेखा से बाहर हो, तो कालसर्प दोष नहीं माना जाता।
कालसर्प दोष के प्रकार (राहु-केतु की स्थिति के आधार पर)
- अनंत कालसर्प योग: राहु 1वें भाव, केतु 7वें भाव में।
- कुलिक कालसर्प योग: राहु 2वें, केतु 8वें भाव में।
- वासुकी कालसर्प योग: राहु 3वें, केतु 9वें भाव में।
- शंखपाल कालसर्प योग: राहु 4वें, केतु 10वें भाव में।
- पद्म कालसर्प योग: राहु 5वें, केतु 11वें भाव में।
- महापद्म कालसर्प योग: राहु 6वें, केतु 12वें भाव में।
- तक्षक कालसर्प योग: राहु 7वें, केतु 1वें भाव में।
कालसर्प दोष का प्रभाव कब सबसे ज्यादा होता है?
- राहु-केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो।
- शनि की साढ़ेसाती या ढईया चल रही हो।
- ग्रहण काल में इस दोष का प्रभाव बढ़ जाता है।
क्या हर कुंडली में कालसर्प दोष खराब होता है?
- नहीं! अगर राहु-केतु शुभ भावों में हों या लग्नेश/राजयोग बना रहे हों, तो यह दोष कमजोर हो जाता है।
- उदाहरण: अगर राहु 11वें भाव (लाभ स्थान) में हो और केतु 5वें भाव (विद्या स्थान) में, तो यह व्यक्ति को अचानक धन लाभ भी दे सकता है।
समाधान के उपाय
- रुद्राभिषेक करवाएं (विशेषकर शिवरात्रि पर)।
- नागपंचमी पर नाग देवता की पूजा करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
- काले कपड़े, उड़द की दाल या तिल दान करें।
निष्कर्ष: कालसर्प दोष तभी बनता है जब राहु-केतु के बीच सभी ग्रह फंस जाएं। यह हमेशा अशुभ नहीं होता, लेकिन अगर जीवन में बार-बार बाधाएं आएं, तो ज्योतिषीय उपाय जरूर करें। अपनी कुंडली किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से दिखवाएं, क्योंकि ग्रहों की स्थिति के अनुसार इसका प्रभाव अलग-अलग होता है।