India-Us WTO Dispute: अमेरिका ने स्टील और एल्युमिनियम टैरिफ पर जवाबी कार्रवाई के प्रस्ताव को किया खारिज
India-Us WTO Dispute: अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत के उस नोटिस को खारिज कर दिया है जिसमें स्टील और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का प्रस्ताव दिया गया था। यह घटनाक्रम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को इस्पात पर आयात शुल्क दोगुना कर 50 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। इस कदम को भारतीय निर्यातकों ने "दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया है।

India-Us WTO Dispute: उज्जवल प्रदेश डेस्क. अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत द्वारा दायर उस नोटिस को खारिज कर दिया है जिसमें भारत ने अमेरिकी स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए गए 25% टैरिफ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की बात कही थी। अमेरिका का कहना है कि यह टैरिफ राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर लगाए गए हैं और इसलिए इन्हें “सेफगार्ड उपाय” के रूप में नहीं देखा जा सकता।
अमेरिका ने 23 मई को WTO को भेजे नोट में यह स्पष्ट किया कि भारत इन टैरिफ (India-Us WTO Dispute) को गलत तरीके से सेफगार्ड ड्यूटी के रूप में दिखा रहा है, जबकि ये शुल्क अमेरिकी कानून Section 232 के तहत लगाए गए हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा मानते हुए ऐसे शुल्क लगाने की अनुमति देता है।
यह मामला और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में स्टील (India-Us WTO Dispute) पर आयात शुल्क को 50% तक बढ़ाने की घोषणा की है। भारतीय निर्यातकों ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है और कहा है कि पहले से ही लगभग 5 अरब डॉलर का निर्यात नुकसान हो चुका है, और आगे शुल्क बढ़ने से यह घाटा और भी गहरा हो सकता है।
अमेरिका ने WTO ( India-Us WTO Dispute) के व्यापार वस्तु परिषद से कहा, “हम धारा 232 के टैरिफ को सुरक्षा उपायों के तहत बातचीत योग्य नहीं मानते क्योंकि वे सुरक्षा उपाय नहीं हैं।”
India-Us WTO Dispute: भारत के निर्यात पर प्रभाव
वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को कुल 4.56 बिलियन डॉलर मूल्य के लोहा, इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों का निर्यात किया। इसमें 587.5 मिलियन डॉलर के लोहा और इस्पात, 3.1 बिलियन डॉलर के लोहा/इस्पात उत्पाद और $860 million मूल्य के एल्युमीनियम और संबंधित प्रोडक्ट्स शामिल हैं। अब इन उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ (US tariff) में वृद्धि सीधे भारतीय उत्पादकों और निर्यातकों की आय को प्रभावित कर सकती है।
प्रक्रिया में त्रुटियों का आरोप
अमेरिका ने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने प्रक्रियात्मक गलती की है। अमेरिका द्वारा 16 अप्रैल को भजे गए जवाब पर भारत ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यही कारण है की भारत सेफगार्ड्स समझौते के तहत अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं कर रहा है,” अमेरिका ने WTO (India-Us WTO Dispute) को भेजे गए नोट में कहा।
India-Us WTO Dispute: भारत के पास अब क्या विकल्प हैं?
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के प्रमुख और पूर्व वाणिज्य अधिकारी अजय श्रीवास्तव का मानना है कि भारत के पास अब कई रास्ते हैं:
WTO (India-Us WTO Dispute) में औपचारिक विवाद दर्ज कराया जा सकता है, लेकिन सेफगार्ड्स समझौते के तहत नहीं, बल्कि GATT नियमों के तहत, जिसमें यह तर्क दिया जा सकता है कि अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर संरक्षणवाद कर रहा है।
भारत यह भी तर्क दे सकता है कि अमेरिका अनुच्छेद XXI का दुरुपयोग कर रहा है, जो पहले भी WTO (India-Us WTO Dispute) में विवाद का विषय रहा है। एक और तरीका यह है कि भारत बिना WTO की अनुमति के ही प्रतिशोधात्मक टैरिफ लगाए — जैसा कि EU, कनाडा और चीन पहले ही कर चुके हैं, ताकि राजनीतिक संदेश दिया जा सके।