Indian Railways: अब ड्रोन से होगी ट्रेनों की निगरानी!
Indian Railways: Drone जो की हवा के माध्यम से संरचण करता है वह बचाव दल से भी पहले पहुंचकर घटनास्थल का फोटो और वीडियो जोन और डिवीजन के दफ्तरों में स्थित कंट्रोल रूम को भेजेगा।

Indian Railways: उज्जवल प्रदेश डेस्क. ट्रेन हादसे में लाखों लोगों की जान चली जाती है। इसी को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे जोन (North Eastern Railway Zone) में बचाव कार्य के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। ड्रोन (Drone) जो की हवा के माध्यम से संरचण करता है वह बचाव दल से भी पहले पहुंचकर घटनास्थल का फोटो और वीडियो जोन और डिवीजन के दफ्तरों में स्थित कंट्रोल रूम को भेजेगा। फोटो व वीडियो आदि को देखकर बचाव कर्मी सीधे घटनास्थल पर पहुंच कर मामला संभाल सकते हैं।
Indian Railway : ड्रोन के कार्य व लागत
ड्रोन (Drone) के माध्यम से जल्द ही बचाव कार्य किया जा सकेगा और ट्रेन के पुन: संचालन में भी दिक्कत का सामना नहीं होगा। ड्रोन की तैनाती पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर और लखनऊ जंक्शन स्थित दुर्घटना राहत ट्रेन में की गई है। जल्द ही अन्य स्टेशनों में भी इसकी तैनाती की जाएगी।
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न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर और लखनऊ जंक्शन पर लगभग 45 लख रुपए में दुर्घटना राहत ट्रेन के साथ ड्रोन तैयार किए गए हैं, ड्रोन (Drone) आदि को संचालित करने के लिए कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षित कर्मचारी हर वक्त अलर्ट मोड में रहेंगे ताकि दुर्घटना होने पर तुरंत कार्यभार संभाल जा सके।
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जैसा कि हमने आपको पहले बताया की ट्रेन की दुर्घटना काफी बड़ी दुर्घटना होती है जान माल की काफी हानि होती है। दुर्घटना होने पर बचाव दल पहुंचता तो है पर घटनास्थल की जानकारी न होने पर बचाव कार्य करने में काफी समस्या होती है तथा अधिकारियों और इंजीनियरों को दुर्घटना स्थल की स्थिति जानने में भी काफी समय लग जाते हैं, इन सब समस्या का समाधान ड्रोन से किया जा सकता है।
दुर्घटना राहत ट्रेन की तैनाती
गोरखपुर जंक्शन में 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहती है दुर्घटना राहतट्रेन। जैसे ही कंट्रोल रूम से इन ट्रेनों को सूचना मिलती है ये तुरंत ही घटनास्थल पर पहुंचते हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन चालू करते हैं। इस स्पेशल ट्रेन में 140 टन की क्रेन के साथ हाइड्रोलिक मशीन लगी होती है और सुरक्षाकर्मी व चिकित्सकों की टीम भी साथ रहती है
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