चीन की नई चाल, अफ्रीकी देशों को कर्ज और मदद को बताया गैर-राजनीतिक

पेइचिंग
चीन की नजर अब गरीब अफ्रीकी देशों पर है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग + ने 60 बिलियन डॉलर (4,277 करोड़ रुपए) की मदद अफ्रीकी राष्ट्रों को दी है। अफ्रीकी राष्ट्रों के लिए फंड की घोषणा करते हुए शी ने कहा कि विकास की दौड़ में पीछे रह गए देशों को इस मदद से प्रगति को देखने और जीने का मौका मिल सकेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह मदद स्थिर और सही दिशा के लिए है।
चीन ने मदद के जरिए कमजोर राष्ट्रों को अपने चक्र में फंसाने के दावे का भी खंडन किया। उन्होंने कहा, 'चीन का अफ्रीकी राष्ट्रों में निवेश के पीछे को राजनीतिक उद्देश्य नहीं है।' चीन ने तीन साल पहले भी साउथ अफ्रीका में हुए समिट में भी 60 बिलियन डॉलर की मदद की थी। पेइचिंग के टाउन हॉल में अफ्रीकी नेताओं के साथ बैठक में शी ने मदद की घोषणा की।
शीन ने कहा, '60 बिलियन डॉलर की यह मदद अफ्रीकी राष्ट्रों के विकास के लिए है। इनमें से 15 बिलियन मदद बिना किसी ब्याज के लिए दी जा रही है। मदद का एक हिस्सा चीन और अफ्रीकी देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए किया जाएगा और 5 बिलियन डॉलर की रकम का इस्तेमाल खास तौर पर अफ्रीकी उत्पादों के आयात में खर्च होगा।'
चीन के राष्ट्रपति ने गरीब अफ्रीकी देशों के लिए मदद का हाथ बढ़ाते हुए कहा कि चीन और अफ्रीका + के बीच मजबूत संबंध दोनों राष्ट्रों के नागरिकों के लिए फायदेमंद होने चाहिए। शी ने कहा, 'चीन-अफ्रीका सहयोग दोनों राष्ट्रों के नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला होना चाहिए। चीन का स्पष्ट मानना है कि विकास की दौड़ में पीछे छूट गए अफ्रीकी देशों को अतिरिक्त सहयोग और बिना ब्याज के ऋण दिए जाने की जरूरत है।'