ड्रैगन की गलत नीतियों का खामियाजा भुगत रहे चीनी, 2023 में 2 मिलियन मौतों की आशंका

चीन का हेल्थकेयर सिस्टम इन दिनों मुश्किलों के दौर से गुजर रहा है और यह पतन के कगार पर है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई वाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कोविड मैनेजमेंट को लेकर बनी गलत नीतियां इसके लिए जिम्मेदार हैं।

बीजिंग. चीन का हेल्थकेयर सिस्टम इन दिनों मुश्किलों के दौर से गुजर रहा है और यह पतन के कगार पर है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई वाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की कोविड मैनेजमेंट को लेकर बनी गलत नीतियां इसके लिए जिम्मेदार हैं। ड्रैगन की जीरो कोविड पॉलिसी ने न केवल उसकी अर्थव्यवस्था को गहरा नुकसान पहुंचाया, बल्कि वायरस के इन्फेक्शन को फैलने से रोकने में भी नाकाम रही है।

ऐसे समय में जब हजारों लोग मर रहे हैं और अस्पतालों में डॉक्टर्स के सामने मरीज ही मरीज पड़े हुए हैं, इस भयानक हालात में भी देश में फिलहाल मास्क तक को जरूरी नहीं बनाया गया है। स्कूल अभी भी खुले हुए हैं। हालांकि, कोई भी बच्चा पढ़ने नहीं जा रहा क्योंकि वे या तो बीमार है या फिर उन्हें बीमार पड़ने का डर है। देश के भयावह कोरोना हालात से लोग सहमे हुए हैं।

चीन के करीब 20 फीसदी युवा हो गए बेरोजगार

मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि चीन का मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर बेहद बुरे दौर में है। कहा जा रहा है कि ये दोनों ही सेक्टर्स 2022 के आखिर में 2020 के बाद सबसे नीचले स्तर पर थे। यूरोपियन यूनियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार, चीन में काम कर रही लगभग 80 प्रतिशत यूरोपीय कंपनियों ने अपने राजस्व पूर्वानुमानों को कम कर दिया है। रिपोर्ट में ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि देश के करीब 20 फीसदी युवा बेरोजगार हैं।

2023 में 1-2 मिलियन मौतों की आशंका

विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीन में कोविड की स्थिति के आकलन के अनुसार, 3 जनवरी 2020 और 23 दिसंबर 2022 के बीच 31,585 मौतें हुईं। इस दौरान बीमारी के 10 मिलियन से अधिक मामले सामने आए। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2023 में चीन में एक से दो मिलियन तक मौतें कोरोना संक्रमण से हो सकती हैं। हाल यह है कि अस्पतालों के कर्मचारियों को ओवरटाइम करना पड़ रहा है और उन्हें हॉलीडे भी नहीं मिल पा रहा। देश के कई हिस्सों के अस्पताल कोरोना मरीजों से खचाखच भरे हुए हैं।

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