Gilda Sportiello : भरी संसद में सांसद ने बच्चे को कराया स्तनपान, जमकर हुई तारीफ
इटली महिला सांसद ने भरी संसद में अपने बच्चे को स्तनपान कराकर इतिहास रच दिया। गिल्डा स्पोर्टियेलो (Gilda Sportiello) नाम की महिला सांसद ने पहले बच्चे को संसद में लाने के लिए लड़ाई लड़ी थी। अब उन्होंने साथी सांसदों के के बीच अपने नवजात बच्चे को स्तनपान कराया है। इस दौरान साथी सांसदों ने तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया।

Gilda Sportiello : उज्जवल प्रदेश, इटली. इटली की एक महिला सांसद इन दिनों खूब चर्चा में हैं। यह चर्चा उनके एक ऐतिहासिक कदम को लेकर हो रही है। इटली की सांसद गिल्डा स्पोर्टिएलो संसद में अपने बच्चे को स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग) कराने वाली पहली राजनेता बन गई हैं। गिल्डा स्पोर्टियेलो ने बुधवार को चैंबर ऑफ डेप्युटी (निचले सदन) में अपने नवजात बच्चे को स्तनपान कराया। 36 वर्षीय सांसद ने अपने दो महीने के बेटे फ्रेडरिको को भरी संसद में दूध पिलाया। उनके इस कदम की सराहना करते हुए सभी सांसदों ने तालियां बजाईं। इटली की संसद के निचले सदन को पुरुष प्रधान माना जाता है। ऐसे में गिल्डा स्पोर्टियेलो के इस कदम की जमकर तारीफ हो रही है।
गिल्डा स्पोर्टियेलो संसद में वोटिंग करने के लिए अपने बच्चे को साथ लाईं थीं। उन्होंने पहले वोट किया और फिर अपने बच्चे के साथ ऊंची बेंचों पर जाकर बैठ गईं। इसके बाद उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ बच्चे को स्तनपान कराना शुरू किया। साथी सांसद काफी देर तक तालियां बजाते रहे। संसदीय सत्र की अध्यक्षता करते हुए जियोर्जियो मुले ने कहा कि ये पहली बार हुआ है, जब सभी पार्टियों के समर्थन के साथ किसी महिला ने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराई है।
इटली की वामपंथी फाइव-स्टार मूवमेंट पार्टी से जुड़ी गिल्डा स्पोर्टिएलो ने कहा कि कई महिलाएं समय से पहले ही बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाना बंद कर देती हैं। स्पोर्टिएलो ने रॉयटर्स के हवाले से कहा, “बहुत सी महिलाएं समय से पहले स्तनपान बंद कर देती हैं। वे ऐसा अपनी इच्छा से नहीं करती हैं, बल्कि इसलिए करना पड़ता है क्योंकि उन्हें कार्यस्थल पर लौटने के लिए मजबूर किया जाता है।”
उन्होंने कहा, “आज से अगर इटली की सर्वोच्च संस्थाएँ कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल पर नर्स रखने की अनुमति देती हैं, तो किसी भी पेशे में किसी भी महिला को इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।” ला रिपब्लिका दैनिक ने स्पोर्टिलो के हवाले से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनका कदम इटली में सभी कार्यस्थलों को प्रेरित करेगा ताकि कामकाजी माताओं के लिए अपने शिशुओं की देखभाल करना आसान हो सके।
महिला अधिकारों की हिमायती हैं स्पोर्टियेलो
इस घटना के बाद स्पोर्टियेलो ने कहा कि बहुत सी महिलाएं समय से पहले ही अपने बच्चे को स्तनपान बंद कर देती हैं। ऐसा वे अपनी पसंद से नहीं करती हैं, बल्कि उन्हें अपने काम पर लौटने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज से अगर इटली की सर्वोच्च संस्थान अपने कर्मचारियों को कार्यस्थल पर बच्चों की देखभाल करने की अनुमति देते हैं तो किसी भी पेशे में किसी भी महिला को इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।
कार्यस्थलों पर बच्चों के स्तनपान का मुद्दा उठाया
ला रिपब्लिका से बात करते हुए स्पोर्टियेलो ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनका यह काम इटली के सभी कार्यस्थलों को प्रेरित करेगा, ताकि कामकाजी माताओं के लिए अपने बच्चों की देखभाल करना आसान हो सके। पिछले साल एक संसदीय नियम पैनल ने महिला सांसदों को अपने बच्चों के साथ कक्ष में प्रवेश करने और उन्हें एक वर्ष की आयु तक स्तनपान कराने की अनुमति दी थी। जॉर्जिया मेलोनी ने अक्टूबर में इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया था। हालांकि, इटली के दो-तिहाई सांसद पुरुष हैं।