अब एक ओर मुसीबत पाकिस्तान के 65 लाख युवओ के रोजगार पर संकट

पाकिस्तान की मुश्किलें हर दिन बढ़ती ही जा रही हैं. बीते दिन पाकिस्तान के कई शहरों में बिजली गुल होने से अंधेरा छा गया. आटा और रोजमर्रा की अन्य चीजों के लिए पाकिस्तानी अवाम पहले से ही जूझ रही है. अब खबर है कि 2023 में लाखों पाकिस्तानी अपनी नौकरी और रोजगार से हाथ धो बैठेंगे.

कराची
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan Crisis) के सामने हर सुबह एक नई मुसीबत खड़ी हो जा रही है. महंगाई की वजह से आम पाकिस्तानी के थाली से रोटी गायब होने लगी है. आटे जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं और बीते दिन बिजली संकट के चलते पाकिस्तान के करीब 30 शहर अंधरे में डूब गए. कुल मिलाकर हालात हर दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं. हजारों पाकिस्तानी हर रोज अपनी नौकरियां गंवा रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में लाखों पाकिस्तानी बेरोजगार हो जाएंगे. यानी संकट अभी और गंभीर होने वाला है.

65 लाख से अधिक लोग हो जाएंगे बेरोजगार

पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट ‘द डॉन’ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, बंद होते व्यापार और फैक्ट्रियों में घटते प्रोडक्शन की वजह से 2023 में लगभग 65 लाख (6.500 मिलियन) लोग बेरोजगार हो सकते हैं. ये आंकड़ा पाकिस्तान के कुल वर्कफोर्स का 8.5 फीसदी है. ये ऐसे लोग होंगे, जो काम करने के लिए तैयार होंगे, लेकिन उनके पास रोजगार नहीं होगा.

भारी बेरोजगारी की आशंका की वजह से पाकिस्तान की सरकार जल्द से जल्द इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) से राहत पैकेज की उम्मीद कर रही है. इस स्थिति में सरकार मिनी बजट को टाल नहीं सकती. कहा जा रहा है कि मिनी बजट के आने से पाकिस्तान में बेरोजगारी और बढ़ेगी.

स्टैगफ्लेशन बढ़ेगा

मिनी बजट में शहबाज शरीफ की सरकार गैस और बिजली की कीमतों में वृद्धि, पेट्रोलियम उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स और इंपोर्ट-एक्सपोर्ट पर भी टैक्स बढ़ाएगी. क्योंकि इसके अलावा सरकार के पास कोई और रास्ता नहीं बचा है. इससे ‘स्टैगफ्लेशन’ बढ़ेगा. स्टैगफ्लेशन का इस्तेमाल तब होता है, जब महंगाई दर और बेरोजगारी दर दोनों ही चरम पर होती है.

आयात के लिए पर्याप्त नहीं खजाना

पाकिस्तान में ऐसे ही हालात के तरफ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. पाकिस्तान में महंगाई दर नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाएगी. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (13 जनवरी तक 4.601 अरब डॉलर) आयात के एक महीने के लिए भी पर्याप्त नहीं है. इसलिए, सरकार IMF से किसी भी तरह कर्ज लेने के रास्ते तलाश रही है. इसलिए मिनी बजट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जिसके बदले में बेरोजगारी बढ़ेगी.

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) इतना कम हो चुका है कि जरूरी सामानों के आयात के भी लाले पड़ गए हैं. रोजमर्रा की चीजों के साथ ही पाकिस्तान में आटा, गैस, पेट्रोल से लेकर दवाइयों तक का संकट गहरा गया है.

बाढ़ ने मचा दी तबाही

पहले ही बर्बादी की राह पकड़ चुकी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के फेफड़े में 2022 में आई बाढ़ ने ऐसा पानी भरा कि पूरे देश में तबाही मच गई. फिर बाढ़ के उतरते पानी ने पाकिस्तान को भीषण गरीबी और भूखमरी की ओर धकेल दिया. बाकी रही सही कसर वहां की सरकार की नीतियों ने पूरा कर दिया. हुक्मरानों के कर्ज लेने की आदत ने पाकिस्तान की इकोनॉमी को गर्त में पहुंचा दिया.

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