iOS 26 में क्या है नया? जानिए सपोर्टेड डिवाइसेज़ की पूरी लिस्ट और मेन बदलाव
iOS 26 में क्या है नया? जानिए सपोर्टेड डिवाइसेज़ की पूरी लिस्ट और मेन बदलाव

iOS 26: उज्जवल प्रदेश डेस्क. Apple ने आखिरकार अपने बहुप्रतीक्षित iOS 26 को WWDC 2025 इवेंट के दौरान Cupertino में लॉन्च कर दिया है। यह अपडेट iOS 7 के बाद का सबसे बड़ा इंटरफेस बदलाव यह नए लिक्विड ग्लास डिज़ाइन और AI आधारित “एप्पल इंटेलिजेंस” जैसे एडवांस फीचर्स लेकर आया है। आइए जानते हैं iOS 26 से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें।
iOS 26: कब होगा लॉन्च?
9 जून को Apple ने iOS 26 का डेवलपर बीटा वर्जन जारी किया था। इसके बाद इस साल गर्मियों में पब्लिक बीटा वर्जन भी आने की उम्मीद है। वही iOS 26 का ऑफिशियल वर्जन सितंबर में iPhone 17 सीरीज़ के साथ रिलीज़ किया जाएगा।
iOS 26 बीटा कैसे डाउनलोड करें?
यदि आप iOS 26 का बीटा वर्जन इंस्टॉल करना चाहते हैं, तो इन स्टेप्स को फॉलो करें:
- अपने Apple ID से डेवलपर प्रोग्राम में लॉग इन करें (जो की निशुल्क है)।
- iPhone मे सेटिंग्स मे जाकर> जनरल सेटिंग्स > फिर सॉफ्टवेयर अपडेट > ओर फिर बीटा अपडेट पर जाएं।
- “iOS 26 Developer Beta” सिलेक्ट करें।
- बीटा इंस्टॉल करने से पहले डिवाइस का बैकअप लेना न भूलें, क्योंकि बीटा सॉफ़्टवेयर में बग्स हो सकते हैं।
iOS 26 सपोर्टेड iPhones की पूरी लिस्ट
iOS 26 इन डिवाइसेज़ पर सपोर्ट करेगा:
- iPhone 11, 11 Pro, 11 Pro Max
- 12, 12 Mini, 12 Pro और 12 Pro Max iPhone
- 13, 13 Mini, 13 Pro और 13 Pro Max iPhones
- 14, 14 Plus, 14 Pro और 14 Pro Max iPhone
- 15 Plus, 15 Pro, 15 Pro Max और iPhone 15
- iPhone 16, 16 Plus, 16 Pro, 16 Pro Max
- iPhone SE (2nd और 3rd Gen)
- iPhone 16e
Apple Intelligence किन iPhones पर चलेगा?
AI-आधारित “एप्पल इंटेलिजेंस” सुविधा केवल इन डिवाइसों पर उपलब्ध होगी:
- iPhone 15 Pro, 15 Pro Max
- iPhone 16, 16 Plus, 16 Pro, 16 Pro Max
- iPhone 16e
iOS 26 की खासियत- लिक्विड ग्लास डिज़ाइन
iOS 26 का सबसे बड़ा आकर्षण इसका ल iquid Glass Design है, जो इंटरफ़ेस को एक नई ज़िंदगी देता है। यह डिज़ाइन असली ग्लास की तरह रिफ़्लेक्ट और रिफ़्रेक्ट करता है और यूजर इंटरफेस को और भी डायनामिक और इंटरएक्टिव बनाता है।
- नेविगेशन, कंट्रोल पैनल, ऐप आइकन और बटन में ट्रांसलूसेंसी का गहरा इस्तेमाल
- लाइट और डार्क मोड के हिसाब से डिजाइन में बदलाव
- रियल-टाइम रेंडरिंग से एलिमेंट्स का मूवमेंट पर असर
- स्क्रोलिंग, टैब स्विचिंग और स्लाइडर्स में ज़्यादा इमर्सिव अनुभव