IRAN-ISRAEL-US WAR Update: ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका ने गिराए बंकर बस्टर बम

IRAN-ISRAEL-US WAR Update: अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में 3 परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बम से हमला किया है। ईरान की अहम न्यूक्लियर साइट्स 'Obliterate' तबाह कर दी गई हैं।

IRAN-ISRAEL-US WAR Update: उज्जवल प्रदेश, वाशिंगटन/ तेहरान. अमेरिका (US) ने ईरान (Iran’s) में 3 परमाणु (Nuclear) ठिकानों (Sites) पर बंकर बस्टर बम (Bunker Buster Bombs) से हमला किया है। ये ठिकाने फोर्डो, नतांज और इस्फहान हैं। हमला भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4.30 बजे हुआ। ट्रम्प ने ईरान पर हमले के 3 घंटे बाद देश को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि ईरान की अहम न्यूक्लियर साइट्स ‘obliterate’ यानी कि पूरी तरह से तबाह कर दी गई हैं। फोर्डो पर बमों की एक पूरी खेप गिरा दी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान को धमकी देते हुए कहा कि अब उसे शांति कायम करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे।

अमेरिका के हमले के जवाब में ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागीं हैं। इजराइली सेना ने रविवार सुबह बताया कि कुछ देर पहले ईरान से राजधानी तेल अवीव की ओर मिसाइलें छोड़ी गईं हैं। डिफेंस सिस्टम उन्हें रोकने के लिए एक्टिव हो चुके हैं।

हाइफा शहर में गिरी ईरान की मिसाइल

ईरान से दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल इजराइल के हाइफ़ा शहर में गिर गई, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि शहर में सायरन नहीं बजा। इजराइली सेना के होम फ्रंट कमांड ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है कि आखिर अलर्ट सिस्टम क्यों फेल हुआ। फिलहाल किसी जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है।

इजरायल ने दो ड्रोन मार गिराए

IDF ने बताया कि ईरान से लॉन्च किए गए दो ड्रोन को इजरायली वायुसेना ने देश के दक्षिणी हिस्से में मार गिराया है. इन ड्रोन के कारण अरावा इलाके में सायरन बजे, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई. सैन्य सूत्रों के मुताबिक, ड्रोन को ईरान से इजरायल पहुंचने में कई घंटे लगते हैं, इसका मतलब है कि ये हमले अमेरिकी हमले से पहले ही लॉन्च किए गए थे.

किन ठिकानों पर हमला

शनिवार रात की दुनिया की नींद तब टूटी जब अमेरिकी बमवर्षकों ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर भारी बमबारी की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले ने साफ कर दिया कि अब अमेरिका सीधे तौर पर इज़रायल और ईरान के बीच जारी युद्ध में कूद चुका है. ट्रंप का ये कदम युद्ध को एक और खतरनाक मोड़ में धकेल सकता है.

ईरान के किन ठिकानों पर हमला हुआ?

ट्रंप ने खुद सोशल मीडिया पर पुष्टि की कि जिन तीन जगहों को निशाना बनाया गया, उनमें फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान शामिल हैं.

  • 1. फोर्डो (Fordo)– ईरान का अति-गोपनीय पहाड़ों के नीचे स्थित यूरेनियम संवर्धन केंद्र.
  • 2. नतांज (Natanz)- देश का सबसे बड़ा यूरेनियम संवर्धन प्लांट.
  • 3. इस्फहान (Isfahan) के पास एक ठिकाना – जहां ईरान के पास कथित रूप से बम-स्तर का संवर्धित यूरेनियम रखा गया है.

ट्रंप ने कहा, ‘फोर्डो पर फुल पेलोड गिराया गया है. हमारे सभी विमान ईरान की सीमा से सुरक्षित बाहर निकल चुके हैं और अपने बेस की ओर वापसी कर रहे हैं.’

कैसे शुरू हुआ ये युद्ध?

इस पूरे संघर्ष की चिंगारी 13 जून को इज़रायल की ओर से ईरान पर एक चौंकाने वाले हमले से भड़की. उसके बाद से दोनों देशों के बीच लगातार जवाबी हमलों का दौर चल रहा है. पिछले हफ्ते तक ये अटकलें तेज थीं कि क्या अमेरिका इस संघर्ष में कूदेगा या दूर रहेगा.

ट्रंप प्रशासन पहले तो इससे किनारा करता दिखा, लेकिन अंततः अमेरिका ने अपनी सबसे घातक तकनीक का इस्तेमाल कर ईरान पर हमला बोल दिया.

‘बंकर बस्टर’ की खासियत?

अमेरिकी हमले में इस्तेमाल किया गया था Massive Ordnance Penetrator (GBU-57), जिसे ‘बंकर बस्टर’ कहा जाता है. यह बम खास तौर पर ऐसे ठिकानों के लिए तैयार किया गया है जो जमीन के कई सौ फीट नीचे, पहाड़ों या कंक्रीट के अंदर स्थित होते हैं.

  • वजन: 30,000 पाउंड (लगभग 13.6 टन)
  • लंबाई: 20 फीट
  • ले जाने में सक्षम सिर्फ: B-2 स्टील्थ बॉम्बर

इस बम की ताकत इतनी है कि एक ही जगह बार-बार गिराया जाए तो ये पहाड़ों और चट्टानों को चीरता हुआ अंदर मौजूद ठिकानों को तबाह कर सकता है.

ईरान में 400 से ज्यादा नागरिकों की मौत

ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि इज़रायली हमलों में अब तक 400 से ज्यादा नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें 54 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. घायलों की संख्या 3,000 से अधिक बताई जा रही है. ईरान के कई रिहायशी इलाकों और अपार्टमेंटों पर भी मिसाइलें गिरी हैं. वहीं, ईरान में इंटरनेट ब्लैकआउट का दौर भी जारी है, जिससे आम नागरिकों का एक-दूसरे और बाहर की दुनिया से संपर्क लगभग खत्म हो गया है.

खामेनेई की बढ़ी चिंताएं

ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई अब संभावित हत्या से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, वह अब अपने कमांडरों से सीधे बात नहीं करते बल्कि एक भरोसेमंद सहयोगी के जरिए संवाद करते हैं. साथ ही ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के तीन शीर्ष कमांडर मारे जा चुके हैं.

क्या हैं इरायल में हालात?

शनिवार को ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया. हाइफ़ा और बेरशेवा शहरों में मिसाइल गिरने से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. तो गोलन हाइट्स और उत्तरी इजरायल में सायरनों की आवाज सुनाई दी.

येहुदा में गिरा क्लस्टर बम

इज़राइल के अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम ने अधिकांश मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही मार गिराया, लेकिन खतरा बरकरार है. अब इज़रायल इतनी तेजी से इंटरसेप्टर मिसाइलें दाग रहा है कि उनके प्रोडक्शन से ज्यादा खपत हो रही है.

अमेरिका की भूमिका अचानक बदली ?

पिछले हफ्ते तक अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने साफ कहा था कि अमेरिका ईरान पर हमलों में शामिल नहीं है, लेकिन ट्रंप का रुख धीरे-धीरे आक्रामक होता गया और अमेरिका की वॉर में एंट्री हो गई. विशेषज्ञों का मानना है कि बंकर बस्टर बम जैसे हथियार सिर्फ अमेरिका के पास हैं और सिर्फ अमेरिका ही ईरान के फोर्डो जैसे ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर सकता है.

अब जबकि अमेरिका खुद युद्ध में कूद चुका है तो ये संभावनाएं तेज हो गई हैं कि ईरान मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है. 13 जून को शुरू हुआ ये युद्ध अब धीरे-धीरे वैश्विक संकट की ओर बढ़ रहा है. अमेरिका की एंट्री ने इसे सिर्फ इजरायल और ईरान की लड़ाई नहीं रहने दिया.

रेडियोएक्टिव का खतरा

ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले से पूरे क्षेत्र को रेडियोएक्टिव खतरे में डाल सकता है. अरब देश पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि ऐसे हमलों से उनकी सीमाओं को भी खतरा है. अब देखना होगा कि ये युद्ध और कितना फैलता है और क्या ये किसी तीसरे विश्व युद्ध का शुरुआती अध्याय तो नहीं बनता? इस सवाल का जवाब शायद आने वाले दिनों में मिलेगा… या इतिहास देगा.

खाड़ी में नहीं फैला रेडिएशन- सऊदी अरब

सऊदी अरब की न्यूक्लियर एंड रेडियोलॉजिकल रेगुलेटरी कमीशन ने कहा है कि अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद खाड़ी क्षेत्र में कोई रेडियोएक्टिव असर नहीं पाया गया है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘राज्य और अरब खाड़ी देशों के पर्यावरण पर कोई रेडियोधर्मी प्रभाव नहीं पड़ा है.’

इजराइल पर 40 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला

इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) के अनुसार, ईरान ने 40 बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल की ओर दागी हैं. यह अब तक का सबसे बड़ा अकेला हमला माना जा रहा है. कई स्थानों पर मिसाइलों के गिरने की खबर है और राहत दल वहां पहुंचकर घायलों की तलाश कर रहे हैं.

ईरान ने इजरायल पर बोला हमला

अमेरिका के हमले से ईरान भड़क गया है. एक बार फिर उसने इजरायल पर अटैक शुरू कर दिया. इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने पुष्टि की है कि ईरान की ओर से बैलिस्टिक मिसाइलों का हमला शुरू हो चुका है. यह पहली बार है जब बीते 24 घंटे में ईरान ने सीधे मिसाइल लॉन्च किए हैं. तेल अवीव में सायरन की आवाज सुनाई दे रही है. सभी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

इजरायल के कई शहरों में तेज धमाके

अमेरिकी हमलों के बाद ईरान ने इजरायल पर हमले तेज कर दिए हैं. इजरायल के कई शहरों में तेज धमाकों की आवाज सुनी गई है. तेल अवीव जैसे प्रमुख शहरों में लगातार लोगों को अलर्ट भेजकर सुरक्षित जगहों पर पनाह लेने के लिए कहा जा रहा है और ब्लास्ट की आवाज सुनाई दे रही है.

हमारी न्यूक्लियर साइट्स सुरक्षित’: ईरान

अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरान ने कहा है कि उसकी न्यूक्लियर साइट्स को कोई नुकसान नहीं हुआ है और नागरिकों को रेडिएशन का कोई खतरा नहीं है. हालांकि ट्रंप ने अपने संबोधन में इन हमलों को सफल करार दिया है और ईरान को शांति की तरफ कदम बढ़ाने के लिए कहा है.

आम नागरिकों को कोई खतरा नहीं’

ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार, अमेरिका की ओर से प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद आसपास के इलाकों में रहने वाले नागरिकों को किसी तरह का खतरा नहीं है. इससे पहले ईरान ने धमकी देते हुए कहा था कि ‘अमेरिका का हर नागरिक और सैनिक हमारे निशाने पर है’.

फोर्डो न्यूक्लियर रिसर्च साइट पर गिराए बम

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर रिसर्च साइट पर हमले में छह बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया गया. ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने हमलों के बाद जारी बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों से दुश्मन की ओर से किए जा रहे बर्बर हमलों के क्रम में आज तड़के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में देश के परमाणु ठिकानों पर ईरान के दुश्मनों ने हमला किया. बयान में कहा गया कि यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से परमाणु अप्रसार संधि (NPT), का खुला उल्लंघन है.

‘अमेरिका का हमला कानून का उल्लंघन’: ईरान

ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने पुष्टि की है कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान सहित देश के तीन परमाणु ठिकानों पर दुश्मन ने हमले किए हैं. संगठन ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) पर उदासीनता और मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि ये हमले उस संस्था की निगरानी में हुए, जो परमाणु गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी निभाती है. ईरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन हमलों की कड़ी निंदा करने की अपील की है और स्पष्ट किया कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम के विकास को किसी भी कीमत पर रुकने नहीं देगा.

UN महासचिव ने की शांति की अपील

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिका की ओर से ईरान पर की गई सैन्य कार्रवाई पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने इसे खतरनाक बढ़त और अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए सीधा खतरा करार दिया. गुटेरेस ने सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील करते हुए कहा कि इस संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है, आगे का रास्ता केवल और केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकलेगा.

‘ईरान में या तो शांति होगी या फिर विनाश’: ट्रंप

ट्रंप ने ईरान से शांति स्थापित करने की अपील करते हुए इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और इजरायली सेना को बधाई दी. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने अब भी शांति नहीं अपनाई तो भविष्य के हमले इससे कहीं ज्यादा भीषण होंगे. ट्रंप ने साफ कहा, ‘या तो ईरान में शांति होगी या फिर विनाश’. उन्होंने यह भी कहा कि आज रात जो टारगेट चुने गए थे, वे सबसे कठिन थे.

’40 साल से ईरान खिलाफ काम कर रहा है’: ट्रंप

ईरान पर हवाई हमलों के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का मकसद ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना और उसके परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म करना था. पिछले 40 साल से ईरान अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है और कई अमेरिकी इस नफरत का शिकार हुए हैं, इसलिए मैंने तय किया है कि अब यह सब और नहीं चलेगा.

ईरान में 657, इजराइल में 24 की मौत

इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष का आज 10वां दिन है। अमेरिका स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान में 13 जून से अब तक 657 लोगों की मौत हुई है और 2000 से ज्यादा घायल हैं। हालांकि, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिर्फ 430 नागरिक के मारे जाने और 3,500 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। वहीं, इजराइल में 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 900 से ज्यादा घायल हुए हैं।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और… More »

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