जल्द ही भारत बनेगा Third Largest Economy, जानें क्या है मामला
Third Largest Economy: जापान, चीन और अमेरिका ही भारतीय अर्थव्यवस्था से आगे हैं। आपको बता दें कि जापान की हालत लगातार खराब होती जा रही है।

Third Largest Economy: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. हाल में ही भारत ने जर्मनी को पीछे छोड़कर चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था (Fourth Largest Economy) का खिताब हासिल किया है और अब उसकी निगाह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था (Third Largest Economy) बनने पर है।
फिलहाल जापान, चीन और अमेरिका ही भारतीय अर्थव्यवस्था से आगे हैं। आपको बता दें कि जापान की हालत लगातार खराब होती जा रही है। जापान सरकार ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि उसकी सालाना ग्रोथ रेट 2025 की पहली तिमाही में गिरकर 0.7 फीसदी पर आ गई है, जबकि भारत अभी 6 फीसदी से ज्यादा की दर से आगे बढ़ रहा है।
जापान सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, जापान का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (या किसी देश की वस्तुओं व सेवाओं का माप) जनवरी-मार्च में अक्टूबर-दिसंबर 2024 (पिछली तिमाही) की तुलना में अनुमान से भी ज्यादा 0।2 फीसदी सिकुड़ गया है। पिछले एक साल में पहली बार इसमें संकुचन दर्ज किया गया। संकुचन का मतलब है कि जापान की ग्रोथ रेट शून्य से भी नीचे चली गई है और यह अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ने के बजाय घटने लगा है।
जापान पहुंच गया कहां से कहां
जारी रिपोर्ट के अनुसार, जापान की अर्थव्यवस्था 2024 की अंतिम तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 2.4 फीसदी की वार्षिक दर से बढ़ रही थी। निर्यात में 2.3 फीसदी की दर से गिरावट दिख रही, जबकि उपभोक्ता खर्च स्थिर रहा और पूंजी निवेश में 5.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले जनवरी-मार्च, 2024 की तिमाही में भी जापान की इकनॉमी शून्य से नीचे जाकर माइनस 0.4 फीसदी रही थी। इस तरह, सालाना आधार पर देखा जाए तो अभी जापान की अर्थव्यवस्था माइनस 0.7 फीसदी की दर से घट रही है।
जापान जा रहा मंदी की तरफ
जापान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। दरअसल, अमेरिकी शुल्क (US Tariffs) से जापान के बड़े निर्यातकों, खासतौर पर मोटर वाहन (Motor Vehicle) विनिर्माताओं को नुकसान होने की आशंका है। न केवल जापान से भेजे जाने वाले उत्पादों के लिए, बल्कि मैक्सिको और कनाडा जैसे अन्य देशों से भी।
जापान के अधिकारियों ने माना कि प्रतिक्रिया की योजना बनाना भी एक चुनौती है, क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपना रुख बदलते रहते हैं। ऐसे में जापान की तरफ से कोई प्रस्ताव देना भी बड़ा मुश्किल काम है। अगर टैरिफ का असर दिखा तो 2025 की दूसरी तिमाही में भी जापान की ग्रोथ रेट शून्य से नीचे रहने की आशंका है, जिससे यह तकनीकी रूप से मंदी में चला जाएगा।
जापान अभी कहां खड़ा
साल 2025 में जापान की जीडीपी 4.39 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान है। इस दौरान जापान की पर्चेजिंग पॉवर 6.77 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है। इस लिहाज से देखा जाए तो जापान अभी तीसरी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। साल 2024 में जापान की पर्चेजिंग पॉवर 6.31 ट्रिलियन डॉलर रही थी। अब जबकि जापान की इकनॉमी ग्रोथ शून्य से भी नीचे चली गई है तो उसकी अर्थव्यवस्था का आकार भी कम हो सकता है।
भारत की स्थिति कहां
अगर भारतीय अर्थव्यवस्था की बात करें तो अभी इसका आकार 4.3 ट्रिलियन डॉलर है। तमाम रेटिंग एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि भारत हर डेढ़ साल में अपनी इकनॉमी में 1 ट्रिलियन डॉलर जोड़ सकता है। इस तरह, देखा जाए तो अगले 2 से 3 महीने में ही भारतीय अर्थव्यवस्था जापान को पीछे छोड़ देगी। भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट अभी 6.5 फीसदी के आसपास चल रही है, जबकि जापान शून्य से भी नीचे चला गया है। लिहाजा जल्द ही भारत इसे पीछे छोड़ते हुए तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
भारत बढ़ रहा तेज रफ्तार से
भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने में 60 साल का समय लगा, जबकि 1 से 2 ट्रिलियन डॉलर का सफर महज 7 साल में पूरा किया। इसके बाद 3 और 4 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी बनने में भी सिर्फ 4 साल का समय लगा। अब तो ग्रोथ इतनी तेज हो गई है कि भारत हर डेढ़ साल में अपनी इकनॉमी को 1 ट्रिलियन डॉलर बढ़ाने की क्षमता रखता है।
क्या लगाया आईएमएफ ने अनुमान
आईएमएफ ने साल 2025 में दुनिया की टॉप-5 इकनॉमी के साइज का अनुमान जारी किया है। इसमें सबसे ऊपर 30.5 ट्रिलियन डॉलर के साथ अमेरिका है। दूसरे पायदान पर 19.2 ट्रिलियन डॉलर के साथ चीन के रहने का अनुमान है। जर्मनी की इकनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे पायदान पर और भारत की इकनॉमी 4.34 ट्रिलियन डॉलर के साथ चौथे तो जापान की इकनॉमी 4.38 ट्रिलियन डॉलर के साथ पांचवें पायदान पर रहने का अनुमान है।