Jabalpur News: जिलहरी घाट में मिला राम-सेतु का तैरने वाला पत्थर, रील्स बनाकर किए Video Viral

Jabalpur News: नित्य तैराकी मंडल के सदस्य शंकर श्रीवास्तव ने बताया जब वे स्नान करने के बाद शिव भगवान का पूजन कर रहे थे, तभी उनकी नजर इस पत्थर पर पड़ी।

Jabalpur News: उज्जवल प्रदेश, जबलपुर. जिन पर कृपा श्रीराम की वो पत्थर भी तिर जाते हैं… कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार सुबह नर्मदा तट जिलहरी घाट में देखने मिला, जहां एक पत्थर डूबने के बजाए बह रहा था। जैसे ही लोगों को इसकी खबर लगी, उसे देखने छूने और वीडियो फोटो बनाने की होड़ मच गई। देखते ही देखते घाट पर तैराकी करने आए सैंकड़ों लोग उस पत्थर को अजूबा समझकर देखने जुट गए।

नित्य तैराकी मंडल के सदस्य शंकर श्रीवास्तव ने बताया जब वे स्नान करने के बाद शिव भगवान का पूजन कर रहे थे, तभी उनकी नजर इस पत्थर पर पड़ी। उन्होंने वहां मौजूद लोगों को ही इसकी जानकारी दी। फिर तैराकर उसे दिखाया। उन्होंने बताया ये पत्थर केवल रामेश्वरम व उसके आसपास के क्षेत्रों में ही दिखाई देते हैं। नर्मदा तटों के किनारे ऐसे पत्थरों के मिलने की अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। शायद कोई वहां से लेकर आया होगा,जो यहां रखकर गया है। पत्थर करीब 5 किलो वजनी है, जो दो टुकड़ों में मंदिर के पास रखा था।

रील्स बनाकर अपलोड किए

जिलहरी घाट में मौजूद युवाओं ने तत्काल अजूबा लग रहे पत्थर के वीडियो व रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। वहीं कुछ ने अपने परिजनों व रिश्तेदारों को वीडियो फोटो सेंड कर उन्हें इसकी जानकारी दी।

गीता धाम में रखा है रामसेतु का पत्थर

जबलपुर में नर्मदा तट से लगे गीताधाम में करीब 4 दशक पहले से रामसेतु का एक पत्थर रखा हुआ है, जो बकायदा पानी में तैरता है। लोग इस पत्थर को देखने भी यहां आते हैं। गीता धाम के महंत स्वामी श्यामदास महाराज के समय से ही रामसेतु पत्थर को सम्मान पूर्वक यहां रखा गया था। लेकिन नर्मदा नदी में पानी में तैरने वाले दो पत्थर मिलना एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। हाल के दिनों में अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म रामसेतु भी आई थी, जिसमें इन पत्थरों के बारे में विस्तार से बताया गया था, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि नर्मदा में ये पत्थर कहां से आ गए। सवाल उठ रहा है कि यदि कोई शख्स रामेश्वरम से इन अनमोल पत्थरों को लाएगा भी तो इस प्रकार नदी में यूं ही क्यों छोड़ जाएगा।

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार लेखन, संपादन और तथ्यात्मक विश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल की, हमेशा सटीक और विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाना उनका लक्ष्य रहा है। वह डिजिटल, प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया में भी अच्छा अनुभव रखतें हैं और पत्रकारिता के बदलते रुझानों को समझते हुए अपने काम को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहतें हैं।

Related Articles

Back to top button