Khirkiya News : अवैध उत्खनन जोरों पर लगाई जा रही माइनिंग विभाग को लाखों की चपत

अधिकारियों के सर में जू तक नहीं रेंगती जब समाचार पत्रों में खबर लगती है तो अधिकारी खानापूर्ति के नाम पर पंचनामा बनाकर इतिश्री कर लेते हैं परंतु धरती का सीना चीर कर अवैध उत्खनन करने वाले लाखों रुपए की चपत राजस्व व माइनिंग विभाग को लगा रहे हैं जिसको ना तो कोई रोकने वाला है ना कोई टोकने वाला है।

उत्खनन खिरकिया तहसील में रॉयल्टी हंडिया तहसील की

ललित बथोले, उज्जवल प्रदेश, खिरकिया
Khirkiya News : खिरकिया नगर से लगे चौकड़ी ग्राम में बंद पड़ी क्रेशर खदानों से मुरम खोदकर उसका अवैध व्यापार जोरों पर है भू माफिया उत्खनन करके खिरकिया नगर में बेधड़क लाखों रुपए का अवैध व्यापार कर रहे हैं ना तो कोई रोक ना कोई देखने वाला माइनिंग विभाग तो जैसे अजगर की नींद सो रहा है अवैध उत्खनन करने वालों के हौसले इतने बुलंद है कि रात और दिन सैकड़ों डम्फर मुरम बीच शहर में लाकर डाल दी जाती है लेकिन अधिकारियों के सर में जू तक नहीं रेंगती जब समाचार पत्रों में खबर लगती है तो अधिकारी खानापूर्ति के नाम पर पंचनामा बनाकर इतिश्री कर लेते हैं परंतु धरती का सीना चीर कर अवैध उत्खनन करने वाले लाखों रुपए की चपत राजस्व व माइनिंग विभाग को लगा रहे हैं जिसको ना तो कोई रोकने वाला है ना कोई टोकने वाला है।

मुरम चौकड़ी की रॉयल्टी हंडिया तहसील की

शातिर भूमाफिया प्रशासन को चकमा देने के लिए खिरकिया नगर से 4 किलोमीटर दूर चौकड़ी ग्राम में बंद पड़ी क्रेशर खदान से मुरम खोदकर खिरकिया में डाल रहे हैं और रॉयल्टी हंडिया तहसील के ग्राम कुंजर गांव की दे रहे हैं पूर्व में भी खिरकिया में बने कुछ वेयरहाउस मैं मुरम चौकड़ी से डाली गई और रॉयल्टी कुंजर गांव की दी गई जो आज भी बैंकों में रिकॉर्ड के रूप में जमा है देखने वाली बात यह है कि 50 किलोमीटर दूर की रॉयल्टी देकर अधिकारियों को चुप कराने की नाकाम कोशिश करते भूमाफिया और राजस्व अधिकारियों के द्वारा रॉयल्टी पर कोई जांच ना करते हुए भू माफियाओं को हरी झंडी दे दी जा रही है।

अगर 50 किलोमीटर से लाए मुरम तो कितने में आएगी

मुरम की रॉयल्टी लगभग 800 रुपये,मुरम खदान पर देने पड़ेंगे लगभग 2500 रूपए व 150 रुपये किलोमीटर के हिसाब से 50 किलोमीटर का किराया डम्फर का लगभग 7500 रुपये बनता है यह टोटल 10800 रुपये होता है जबकि खिरकिया नगर में 5000 से 6000 में मुरम के डम्फर डाले जा रहे हैं।

तहसीलदार ने दिखाई तत्परता पहुंचे खदान पर

खिरकिया तहसीलदार राजेन्द्र पंवार ने चौकड़ी में बन्द पड़ी क्रेशर खदान से अवैध मुरम खोदने को लेकर क्रेशर के ऑनर इंद्रजीत शुशील कुमार प्रजापत की खदान का पंचनामा बनवाया तथा शनिवार को स्वयं खदान पर पहुंचकर निरक्षण किया।

सीसीटीवी कैमरों की जांच कर कार्यवाही करें

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार राजनीतिक संरक्षण में अवैध उत्खनन बेखोफ किया जा रहा है और रॉयल्टी हंडिया तहसील की बताई जा रही है तो भिरंगी गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे, खिरकिया रेलवे गेट पर, नगर में कई जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं विगत पांच से छः दिनों की रात व दिन की फुटेज जांची जाए तो दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा।

अगर विभाग सच में अवैध उत्खनन रोकना चाहता है अगर भूमाफियाओं को पकड़ना चाहता है तो गंभीरता से सीसीटीवी कैमरों की जांच कर सच्चाई को सामने लाए।

ललित जैन की कॉलोनी में डली मुरम रॉयल्टी में झोलझाल

खिरकिया कृषि उपज मंडी से सटी ललित जैन की कॉलोनी में भी सैकड़ो डम्फर मुरम इसी तरह डाली गई है सूत्रों के अनुसार ललित जैन ने भी बगैर रॉयल्टी की मुरम डलवाई है और जिले में कही से भी रॉयल्टी लाकर खनापूर्ती कर देगा।

भूमाफिया ग्रामीण क्षेत्रों में मुरम खोदने के लिए भारी भरकम मशीनरी व ब्लास्टिंग का उपयोग करते हैं और बड़े बड़े गहरे गड्ढे करके छोड़ देते हैं जिसमे ग्रामीणों के मवेशी गिरकर घायल व मर भी जाते हैं जान माल का नुकशान हो रहा है।

भूमाफिया जहां अवैध मुरम डालते हैं वहां अधिकारियों से सेटिंग्स होने का दावा करके मन माना रुपया बसूलते है खिरकिया तहसील में मुरम को रॉयल्टी किसी के पास नहीं है उसके बाद भी हजारों डम्फर मुरम का कारोबार किया जा रहा है।

इनका कहना है

ग्राम चौकड़ी में स्थित गिट्टी खदानों का निरीक्षण किया गया व वहां हो रहे खनन का पटवारी वेदप्रकाश मिश्रा द्वारा पंचनामा बनाया।
राजेंद्र पंवार, तहसीलदार खिरकिया

संयुक्त कलेक्टर डीके सिंह को कई बार फोन लगाने पर भी उनके द्वारा रिसीव नही किया गया।

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार लेखन, संपादन और तथ्यात्मक विश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल की, हमेशा सटीक और विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाना उनका लक्ष्य रहा है। वह डिजिटल, प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया में भी अच्छा अनुभव रखतें हैं और पत्रकारिता के बदलते रुझानों को समझते हुए अपने काम को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहतें हैं।

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