SC में सुनवाई के दौरान LAWER ने दी SUICIDE की धमकी, सीनियर जज ने दी लाइसेंस निलंबन व एफआईआर की चेतावनी

SC में वरिष्ठ जज जस्टिस अभय एस ओका की पीठ आज सोमवार को एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें दो वकीलों ने आपसी झगड़े में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जब इस मामले में सुनवाई शुरु हुई तो याचिकाकर्ता वकील वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए।

SC: नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (SC) में वरिष्ठ जज (Senior Judge) जस्टिस अभय एस ओका की पीठ आज सोमवार को एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें दो वकीलों (Lawyer) ने आपसी झगड़े में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जब इस मामले में सुनवाई शुरु हुई तो याचिकाकर्ता वकील वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए।

इस दौरान दलीलें पेश करते हुए याचिकाकर्ता वकील पीठ के सामने खुदकुशी (Suicide) करने की धमकी (Threatened) देने लगे। इस पर जस्टिस ओका पहले तो हैरान हो गए, फिर उन्होंने सख्त रुख अपना लिया। जस्टिस ओका ने याचिकाकर्ता से कहा, “कोर्ट, बार काउंसिल और बार एसोसिएशन की तरफ से आपसे माफी मांगी गई है, फिर क्यों ऐसा कह रहे?” इस पर याचिकाकर्ता ने फिर कहा,”मैं आत्महत्या कर लूंगा। मीलॉर्ड!” इस पर जस्टिस ओका ने फिर टोका और पूछा कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं, कोर्ट तो आपके पक्ष में आदेश पारित कर रहा है। जस्टिस ओका ने कहा, “आपकी प्रार्थना क्या है? चाहते क्या हैं?”

फिर भड़क गए जस्टिस ओका

इस पर याचिकाकर्ता ने कहा, “मामले को रद्द किया जाए।” यह सुनकर जस्टिस ओका भड़क गए। उन्होंने कहा, “तो आप धमकी दे रहे हैं कि अगर हम दोनों शिकायतें रद्द कर देंगे तो आप आत्महत्या कर लेंगे?” इसी बीच दूसरे पक्ष (प्रतिवादी) के वकील ने कहा, “मीलॉर्ड हम पहले दिन से ही इस तरह के अनुचित व्यवहार का सामना कर रहे हैं।”

वकील का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड करने की चेतावनी

इसके बाद जस्टिस ओका ने याचिकाकर्ता वकील से कहा, “हम आपको साफ चेतावनी (warned) दे रहे हैं। अगर आप कोर्ट को धमकाएंगे तो हम आपके खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश देंगे। हम बार के सदस्य द्वारा इस तरह का आचरण बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम दो चीजों का आदेश देंगे, एक तो एफआईआर (FIR) दर्ज करना और दूसरी बात यह कि यह दुराचार माना जाएगा। हम बार काउंसिल से आपके खिलाफ कार्यवाही शुरू करने और आपका रजिस्ट्रेशन निलंबित (License Suspension) करने के लिए कहेंगे।” हालांकि, बाद में जस्टिस ओका ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि हम इस मामले को आगे नहीं बढ़ा सकते। पहले आप उनसे बात कीजिए और उन्हें बताइए कि इस तरह की धमकियों कसे अदालत नहीं डरती। उल्टे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी और वकालत करने का रास्ता भी बंद हो सकता है।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।
Back to top button