अनचाहे बालों से छुटकारा पाने का आसान तरीका

अगर वैक्सिंग के दौरान होने वाले दर्द की वजह से आप भी वैक्सिंग करवाने से बचती हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं एक गुड न्यूज… अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के लिए मार्केट में एक नई तकनीक आ गई है जो नैचरल होने के साथ-साथ वैक्सिंग की तुलना में कम तकलीफदेह है। साथ ही इसका फायदा यह भी है कि ये नई टेक्नीक वैक्सिंग से बेहतर रिजल्ट देती है। इस नई टेक्नीक का नाम है शुगरिंग… आखिर क्या है शुगरिंग और यह कैसे होता है आगे की स्लाइड्स में पढ़ें….

चीनी की चिपकने वाली क्वॉलिटी का इस्तेमाल
जैसा की नाम से ही पता चल रहा है शुगरिंग टेक्नीक में चीनी की चिपकने की क्वॉलिटी का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इसमें पानी और नींबू का रस भी यूज होता है। शुगरिंग के दौरान किसी तरह के वैक्स स्ट्रिप यानी पेपर की जरूरत नहीं होती और कटोरी वैक्स की तरह इसे भी शरीर पर चिपकाकर सीधे हाथों से ही खींचकर निकाला जा सकता है।

क्या है शुगरिंग का प्रोसेस?
सबसे पहले चीनी, पानी और नींबू के रस का इस्तेमाल कर एक पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को स्किन पर लगाकर उंगलियों से समान रूप से फैला लें। ध्यान रखें कि पेस्ट को लगाते वक्त हेयर ग्रोथ के विपरित दिशा में ही लगाएं। पेस्ट को लगाने के कुछ सेकंड बाद हेयर ग्रोथ की विपरित दिशा में खींचकर निकाल लें। ऐसा करने से अनचाहे बाल बिना ज्यादा दर्द के आसानी से निकल जाते हैं।

किस बॉडी पार्ट पर कर सकते हैं शुगरिंग?
फेशल हेयर से लेकर बिकीनी एरिया तक आप जाहें चाहें, जिस बॉडी पार्ट पर चाहें शुगरिंग प्रोसेस का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि पुरुषों के चेहरे के बाल के लिए शुगरिंग का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना चाहिए क्योंकि पुरुषों के बाल अक्सर कड़े और बहुत ज्यादा मोटे होते हैं।

शुगरिंग VS वैक्सिंग
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं वैक्सिंग की तुलना में शुगरिंग में दर्द कम होता है। हालांकि शेविंग से तुलना करें तो शुगरिंग के दौरान कुछ दर्द तो होता है बावजूद इसके यह वैक्सिंग की तुलना में कम तकलीफदेह है। ऐसे क्लायंट्स जिन्होंने तीनों मेथड को ट्राई कर रखा है उनकी मानें तो वैक्सिंग की तुलना में शुगरिंग में दर्द कम होता है।

कितनी बार करवाएं शुगरिंग?
वैक्सिंग की तरह शुगरिंग भी आप जब चाहे करवा सकती हैं। अगर आपको लगता है कि स्किन पर अनचाहे बालों की ग्रोथ बढ़ गई है तो आप शुगरिंग करवा सकती हैं। वैसी महिलाएं जिनकी स्किन पर हेयर ग्रोथ काफी थिक है उन्हें नियमित रूप से शुगरिंग करवानी चाहिए उन महिलाओं की तुलना में जिनका हेयर ग्रोथ सॉफ्ट है और कम है। हालांकि 2 वैक्सिंग के बीच कम से कम 25 दिन का गैप जरूर होना चाहिए।

शुगरिंग के फायदे
ट्रडिशनल वैक्सिंग के दौरान 15 से 20 प्रतिशत बाल टूटते हैं। हालांकि शुगरिंग के दौरान बाल टूटने की प्रक्रिया काफी कम हो जाती है क्योंकि यह पूरा प्रोसेस काफी स्मूथ और जेंटल है। साथ ही ट्रडिशनल वैक्स को अप्लाई करने से पहले गर्म किया जाता है जिस वजह से स्किन के जलने का भी खतरा रहता है लेकिन शुगरिंग में इस तरह की कोई दिक्कत नहीं होती।

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