पहली बार करने जा रहे हैं हेयर डाई तो ये काम की बातें जान लें

बालों को डाई करने के लिए मन में मिलेजुले ख्याल आते हैं, खासतौर पर जब बालों को पहली बार डाई करना हो। आप चाहे तो सैलून में जाकर बालों को डाई करवाएं या घर पर, ऐसे कुछ बेसिक टिप्स और ट्रिक्स हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए और जो बालों को डाई करने में आपकी मदद कर सकती हैं और आपको किसी मुश्किल से बचा सकती है।
क्या होता है हेयर डाई
हेयर डाई को हेयर कलरिंग भी कहा जाता है जिसमें बालों को रंग दिया जाता है। आमतौर पर लोग बालों को तब डाई करवाते हैं जब ज़्यादातर बाल सफेद हो जाते हैं।
बालों का रंग बदलना आजकल खूब ट्रेंड में है और आप भी अलग-अलग हेयर कलर पर एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं। कभी-कभी हेयर कलरिंग बालों के नैचुरल कलर को रिस्टोर करने के लिए भी किया जाता है जोकि किसी अन्य हेयर ट्रीटमेंट की वजह से खराब हो चुका होता है।
पहले बालों पर सिर्फ एक ही रंग होता था लेकिन अब नए ट्रेंड के चलते कई रंगों को मिक्स करके बालों को रंगा जाता है। हाइलाइटिंग में बालों के कुछ हिस्से को लाईटनर्स की मदद से कलर किया जाता है। लो लाईटनिंग में बालों के कुछ हिस्से को गहरे रंगों से कलर किया जाता है।
हेयर डाई करवाने के फायदे
एजिंग के लक्षण को छिपाने के लिए हेयर डाई के और भी कई फायदे होते हैं, जैसे कि :
जिनके कम बाल हैं उन्हें भी कभी ना कभी बालों को कलर करवाना चाहिए क्योंकि इससे बालों में वॉल्यूम बढ़ता है। ये आपके बालों को घना दिखाते हैं।
कलर करने से बाल घने दिखते हैं इसलिए हेयर कलरिंग उन लोगों के लिए बढ़िया विकल्प होता है जिनके बाल झड़ रहे होते हैं। पतले बालों के लिए डाई करना एक अस्थायी उपाय है।
ये बालों में चमक लाता है। बालों को कलर करने से उनके सही चमक आती है और वो रोशनी में चमकने लगते हैं। इस तरह बालों को वाइब्रेंट लुक दिया जा सकता है।
आपका नैचुरल हेयर कलर आपकी स्किन टोन को सूट नहीं करता है तो भी आप कोई दूसरा कलर करवा सकती हैं जो आपकी पर्सनैलिटी को सूट करता हो।
सभी नैचुरल कलर बेस्ट होते हैं क्योंकि इनसे सबसे कम नुकसान होता है। रेगुलर हेयर डाई के मुकाबले में ये कलर बालों के क्यूटिकल पर केमिकल्स नहीं छोड़ते हैं।
हेयर डाई के बारे में ये भी जान लें
बालों को कलर करने से पहले बेहतर होगा कि आप इसके बारे में जानकारी लें। तो चलिए जानते हैं कि बालों को कलर करने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
रिसर्च है बहुत ज़रूरी
बालों को कोई भी कलर करने से पहले उसके बारे में ज़रूरी जानकारी और ज्ञान प्राप्त करना बहुत ज़रूरी होता है। अमूमन कई कलरिस्ट के इंस्टाग्राम पेज होते हैं जहां से आप जानकारी ले सकते हैं। बालों को कलर करवाने से पहले आपको सही कलर और सही कलरिस्ट के बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए।
अगर आप सैलून जाकर बालों को कलर करवा रही हैं तो आपको ये काम किसी स्पेशलिस्ट से ही करवाना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि कलरिस्ट अनुभवी होना चाहिए। बालों को कलर करवाने का निर्णय सोच-समझकर लें और कलरिस्ट से इस बात पर चर्चा करें कि आपको किस तरह का कलर करवाना चाहिए।
हाईलाइट्स करें ट्राई
अपनी रंगत के हिसाब से परफैक्ट कलर चुनना बहुत मुश्किल काम होता है। इसके लिए आपको ट्रायल और एरर मैथेड की ज़रूरत पड़ती है। हालांकि, कुछ बेसिक टिप्स हैं जिनके तहत आपको पूरे बालों को कलर करवाने की बजाय सिर्फ हाइलाइट्स करवाने चाहिए।
अगर आपकी गुलाबी अंडरटोन है तो वार्म्थ हाईलाइट करवाने से बचें। अगर आपकी वार्म स्किन टोन है तो आपको कूल टोंस चुनने चाहिए जैसे कि बीज ब्लॉन्ड। न्यूट्रल स्किन टोन के लिए आप कूल या वार्म ब्लॉन्ड कलर चुन सकती हैं।
फ्लेक्सिबल रखें
अगर आप बालों को कलर करवाने के लिए सैलून जा रही हैं तो आपको थोड़ा फ्लेक्सिबल होने की ज़रूरत है। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि जैसा आपने सोचा होगा कलर बिल्कुल वैसा ही आए इसलिए आपको अपना हेयर स्टाइलिस्ट ध्यान से चुनना है।
कलरिस्ट को काम शुरु करने से पहले उससे अच्छी तरह से सारी बात कर लें। उन्हें अपनी ज़रूरत के बारे में बताएं और इसे लेकर उनके अनुभव के बारे में भी पूछें।
बालों के टेक्सचर को बदल सकती है डाई
कलर करवाने के बाद आपके बालों के टेक्सचर में कोई बदलाव आ सकता है। कलरिस्ट आपको कहेगा कि कलर करने के बाद आपके बाल आसानी से मैनेज हो जाएंगे। एक सिंगल कलर प्रोसेस से भी बालों के क्यूटिकल्स खुल जाते हैं और ऐसे में बालों को स्टाइल करना आसान हो जाता है। कलरिंग से बालों में वॉल्यूम भी बढ़ता है।
डाई त्वचा को कर सकती है परेशान
हेयर कलर प्रॉडक्ट्स में कई तरह के केमिकल्स होते हैं जोकि त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कलर करने से पहले आपको पैच टेस्ट करवा लेना चाहिए ताकि आपको पता चल जाए कि वो कलर या हेयर डाई प्रॉडक्ट आपकी स्किन को सूट करेगा या नहीं या इससे आपको कोई एलर्जी तो नहीं होगी। कई बार डाई में मौजूद पैराफेनिलेनेडिमाइन की वजह से त्वचा पर रैशेज़ और एलर्जी की शिकायत होती है।
असली रंग पर वापस जाना
अपने बालों के असली रंग को पाने के लिए आपको बालों से आर्टिफिशियल रंग हटाना होगा और ये काफ मुश्किल काम होता है। खासतौर पर जब आपने बालों पर बोल्ड कलर करवाया हो। बालों का नैचुरल कलर पाने के लिए आपको किसी प्रोफेशनल की मदद लेने की ज़रूरत पड़ती है।
लो पैराऑक्साइड मिले शैंपू जिसमें हेयर ब्लीच भी हो, उससे बालों को ब्लीच वॉश करने की ज़रूरत होती है। इसके लिए कलर रिमूवर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जोकि बालों के आर्टिफिशियल अणुओं को सिकोड़ देता है।
मेंटेंस की है बहुत ज़रूरत
डाई किए गए बालों का बहुत ध्यान रखने की ज़रूरत होती है ताकि उसका असली रंग खराब ना हो। आपको ऐसे प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए जो सुरक्षित हो। आप जो भी शैंपू और कंडीश्नर इस्तेमाल करती हैं वो कलर ट्रीटेड हेयर होना चाहिए।
डाई हेयर के लिए टिप्स
बालों पर सख्त शैंपू का इस्तेमाल ना करें क्योंकि ये बालों को रूखा और बेजान बना सकता है।
बालों को स्टाइल करने से पहले उन्हें खुद अच्छी तरह से सूखने दें।
समय-समय पर बालों को कंडीश्निंग भी करते रहें।
बालों को दोबारा कलर भी कर सकते हैं लेकिन ज़्यादा जल्दी नहीं। इसके लिए आपको कुछ महीनों का इंतज़ार करना ज़रूरी है।