मास्टरबेशन को लेकर लोगों में हैं कई गलतफहमियां

मास्टरबेशन को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल होते हैं। यहां हैं इससे जुड़े कई ऐसे फैक्ट्स जिनके बारे में लोगों को कम जानकारी होती है।
सभी पुरुष नहीं करते हैं मास्टरबेट
जी हां, अगर आपको लगता है कि पूरी दुनिया के सारे पुरुष मास्टरबेट करते हैं तो आपकी जानकारी गलत है। 2016 में हुई एक स्टडी के मुताबिक सिर्फ 57 फीसदी स्ट्रेट मेन रोजाना मास्टरबेट करते हैं।
पुरुष भी करते हैं वाइब्रेटर का इस्तेमाल
माना जाता है कि वाइब्रेटर्स का इस्तेमाल सिर्फ फीमेल मास्टरबेशन के लिए होता है। यह भी मिथ है। पुरुष भी स्टिम्युलेशन के लिए वाइब्रेटर का इस्तेमाल करते हैं, और जो अक्सर ऐसा करते हैं उनकी सेक्स ड्राइव और सेक्स लाइफ बेहतर होती है।
मास्टबेशन के ये हैं फायदे
ऐसा नहीं है कि मास्टरबेट करने से आपका चेहरा ग्लो करने लगेगा या ऑरा शाइन करने लगेगा। लेकिन अगर रीसर्च की मानें तो जो पुरुष जल्दी-जल्दी मास्टरबेट करते रहते हैं, वे खुश रहते हैं और उनका इम्यून सिस्टम भी दुरुस्त रहता है। मास्टरबेशन एनर्जी भी बूस्ट करता है।
सेक्स का सीमेन मास्टरबेशन के सीमेन से अलग होता है
जापान में हुई एक रीसर्च में सामने आया कि सेक्स के दौरान निकले सीमेन का स्पर्म काउंट, मास्टरबेशन के स्पर्म काउंट से कहीं ज्यादा होता है। स्पर्म काउंट इस बात पर निर्भर करता है कि आप सेक्शुअली कितने चार्ज्ड हैं। यानी कि किसी के साथ सेक्स करना ज्यादा इरॉटिक एक्सपीरियंस है।
हर उम्र के लोग करते हैं मास्टरबेट
महिलाओं और पुरुषों में मास्टरबेशन के लिए कोई उम्रसीमा नहीं होती। हो सकता है 65 साल का कोई व्यक्ति मास्टरबेट करता हो और उसका 15 साल का पोता भी।