Lokpal strictness: पूर्व SEBI चीफ माधबी पुरी बुच पर झूठे आरोप लगाने वालों को चेतावनी, मिली क्लीन चिट
Lokpal strictness: लोकपाल ने पूर्व सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ शिकायत करने वालों को फटकार लगाई, कहा कि तुच्छ और निराधार आरोप लगाने पर शिकायतकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

Lokpal strictness: उज्जवल प्रदेश डेस्क,नई दिल्ली, भारत के लोकपाल ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले में पूर्व सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को बड़ी राहत दी है। लोकपाल ने स्पष्ट किया है कि बुच के खिलाफ की गई शिकायतें बेबुनियाद, तुच्छ और बिना किसी ठोस प्रमाण के थीं। शिकायतों को खारिज करते हुए लोकपाल ने शिकायतकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि इस प्रकार के झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
महुआ मोइत्रा सहित तीन लोगों ने की थी शिकायत
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर और एक अन्य व्यक्ति ने माधबी पुरी बुच के खिलाफ जांच की मांग की थी। इन शिकायतों को लोकपाल ने न केवल खारिज किया, बल्कि यह भी कहा कि शिकायतकर्ता राजनीतिक या व्यक्तिगत लाभ के लिए इस मामले को उछाल रहे थे।
लोकपाल को है कानून के तहत कार्रवाई का अधिकार
लोकपाल ने अपने आदेश में साफ किया कि उन्हें लोकपाल एवं लोकपालआयुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 46 के तहत ऐसे शिकायतकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। इस धारा के अनुसार, झूठी शिकायत करने पर एक साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
आईटी एक्ट के तहत हो सकती है अलग कार्रवाई
लोकपाल ने यह भी उल्लेख किया कि माधबी पुरी बुच के आयकर रिटर्न की कॉपी गैरकानूनी रूप से हासिल कर उसे सार्वजनिक किया गया। यह एक गंभीर गोपनीयता उल्लंघन है और इस पर इनकम टैक्स एक्ट के तहत अलग से शिकायत दर्ज की जा सकती है।
बुच पर लगे थे पांच आरोप, सभी निराधार पाए गए
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आधार पर शिकायतकर्ताओं ने बुच पर पांच गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, जांच के दौरान इनमें से कोई भी आरोप प्रमाणित नहीं हो सका। लोकपाल ने कहा कि ये आरोप सिर्फ “सनसनी फैलाने और राजनीतिक लाभ” के उद्देश्य से लगाए गए थे।