पक्षी सर्वेक्षण में मिली पक्षियों की 33 दुर्लभ प्रवासी प्रजातियां

सिवनी
 पेंच टाइगर रिजर्व में दूसरे चरण में ग्रीष्मकालीन पक्षी सर्वेक्षण का कार्य 12 मई से प्रारंभ हो गया है, जो 16 मई तक चलेगा। पक्षी सर्वेक्षण कार्य वाइल्ड लाइफ एडं नेचर कन्जरवेंसी इंदौर के सहयोग से किया जा रहा है। शुभारंभ के दौरान प्रबंधन द्वारा प्रथम चरण में शीतकालीन सर्वेक्षण की विस्तृत रिपोर्ट का विमोचन किया गया। सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, पेंच के जंगल में पक्षियों की 251 प्रजातियां पाई गई हैं। इनमें 236 संकटमुक्त प्रजातियां हैं। वहीं 9 प्रजातियों का निकट भविष्य संकट में है, जबकि 3 प्रजातियां संकटग्रस्त व अन्य 3 तीन असुरक्षित श्रेणी में पाई गई है। सर्वेक्षण में शीतकाल के दौरान पेंच में 33 दुर्लभ प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां पाई गई हैं, जो प्रबंधन के लिए खुशी का विषय है। सर्वे में जलस्रोतों के आसपास रहने वाली 65 प्रजातियां पाई गई है।

ई-बर्ड एप्लीकेशन में दर्ज हाे रहा डाटा

ग्रीष्मकालीन सर्वेक्षण में हिस्सा लेने विभिन्न प्रांतों के 54 स्वयंसेवक पेंच टाइगर रिजर्व पहुंचे हैं, जो वन अमले के साथ कोर व बफर के सभी 9 वन परिक्षेत्रों में जंगल के भीतर सघनता पूर्वक भ्रमण कर ग्रीष्म ऋतु में उपस्थित पक्षियों की प्रजातियों की पहचान कर उनका डाटा ई-बर्ड एप्लीकेशन में मोबाइल से दर्ज करेंगे।अलग-अलग दल चिंहित बीट में जाकर सुबह से शाम तक सर्वे का काम करेगा।सर्वेक्षण पूरा होने पर सर्वेक्षकों द्वारा दर्ज डाटा को संकलित कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर पेंच प्रबंधन को सौंपी जाएगी।

 

शीतकालीन सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी

27 से 30 जनवरी 22 तक पेंच टाइगर रिजर्व में शीतकालीन पक्षी सर्वेक्षण का कार्य वाइल्ड लाइफ एडं नेचर कन्जरवेंसी इंदौर के सहयोग से कराया गया था। इसमें 9 राज्यों के 69 पक्षी विशेषज्ञों ने भाग लिया था। पेंच टाइगर रिजर्व की सभी 9 कोर व बफर परिक्षेत्रों में 35 दलों ने 11 बेस कैम्प बनाकर सर्वेक्षण का कार्य किया था। इसमें सर्वेक्षकों के साथ स्थानीय मैदानी अमले ने रुचि पूर्ण तरीके से भाग लेकर सर्वेक्षण कार्य में हिस्सा लिया था। सर्वेक्षण से प्राप्त नतीजों पर विस्तृत रिपोर्ट 12 मई को ग्रीष्म कालीन पक्षी सर्वेक्षण के शुभारंभ के दौरान क्षेत्र संचालक अशोक कुमार मिश्रा द्वारा जारी की गई। इस दौरान डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह, एसडीओ बीपी तिवारी, पेंच अधीक्षक आशीष पांडे के अलावा सर्वेक्षण कर रही संस्था के सदस्य मौजूद रहे।

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