4 साल का दीपेंद्र 7 घंटे चले रेस्क्यू में बोरवेल से निकाला, मासूम के परिजनाें से सीएम ने की बात

 छतरपुर

 छतरपुर में बोरवेल में गिरे 4 साल के मासूम दीपेंद्र को सकुशल निकाल लिया गया है। करीब 7 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्चे को बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के गड्ढे में रस्सी डाली, ये रस्सी बच्चे ने अपने कंधे में फंसा ली। जिसके बाद उसे धीरे-धीरे खींचकर गड्ढे से निकाल लिया गया। बच्चे को निकालते ही मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया गया।

घटना ओरछा रोड थाना क्षेत्र के नारायणपुरा और पठापुर गांव के पास की है। यहां नारायणपुरा के रहने वाले अखिलेश यादव का 4 साल का बेटा दीपेंद्र यादव परिवार के साथ खेत पर गया था। जो खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया। रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना ने भी मोर्चा संभाला। इसके अलावा SDERF, प्रशासन और पुलिस भी पूरे समय मौके पर मौजूद रही। बच्चे को सकुशल निकाले जाने के बाद परिजनों के साथ ही ग्रामीणों और प्रशासन की टीम ने राहत की सांस ली।

मध्यप्रदेश के छतरपुर में बाेरवेल में गिरे बच्चे काे 7.30 घंटे बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया। सीएम ने की बच्चे एवं परिजनाें से बात, मासूम दीपेंद्र बाेला- मामा बाहर निकल आया, सीएम ने कहा-ये बाेरवेल कहां खुदा था। pic.twitter.com/mBJorPPUCx

— NaiDunia (@Nai_Dunia) June 29, 2022

रात काे ही सीएम शिवराज सिंह चाैहान ने मासूम के परिजनाें से चर्चा की। इस दाैरान जब सीएम ने दीपेंद्र से बात की ताे वह बाेला कि मैं सकुशल बाहर निकल आया हूं, क्या आप मुझसे मिलने आएंगे। इस पर सीएम ने कहा कि मैं जरूर मिलने आऊंगा।

मुख्यमंत्री भी रहे सक्रिय: घटना के जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छतरपुर कलेक्टर संदीप जीआर से इस घटना के संबंध में चर्चा की थी। इसके बाद उन्होंने एसडीआरएफ के अधिकारियों से भी बात की और राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। सीएम ने ट्वीट भी किया किसभी मिलकर प्रार्थना करें, दीपेंद्र सकुशल बाहर निकलेगा।

दरअसल नारायणपुर गांव में बच्चे के बाेरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही प्रशासन अलर्ट माेड में आ गया था। ऐसे में इस प्रकार के घटनाक्रम में उपयाेग में आने वाले सभी उपकरण समय रहते बाेरवेल वाले स्थान पर मंगवा लिए गए थे। साथ ही पूरी प्लानिंग भी कर ली गई थी। इसी वजह से प्रशासनिक अफसराें के पहुंचते ही वहां पर रेसक्यू टीम काे बुला लिया गया। इसके बाद कैमरे से पल-पल की लाेकेशन लेते रहे हैं। साथ ही बच्चे काे आक्सीजन की दिक्कत न हाे इसलिए आक्सीजन पाइप अंदर डाल दी गई थी। इसी का परिणाम है कि 7.30 घंटे बाद आखिर दीपेंद्र काे सकुशल बाहर निकाल लिया गया।

 

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