वोटिंग में पुलिस को करना होगी भारी मशक्कत, एक दिन के भीतर शहरों से भेजना होगा हजारों का बल

भोपाल
प्रदेश में हो रहे पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों की एक दिन के अंदर से होने वाले मतदान को लेकर पुलिस के माथे पर पसीना आने लगा है। दरअसल नगरीय निकाय का पहले चरण का मतदान और पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के बीच में एक दिन का ही गेप है। इस गेप वाले दिन प्रदेश पुलिस के हजारों का बल को मूवमेंट करना होगा।

नगरीय निकाय के पहले चरण का मतदान 6 जुलाई को होना हैं। जबकि पंचायत चुनाव के तीसरे चरण का मतदान 8 जुलाई को होना हैं। दोनों ही चुनावों में हजारों बूथ संवदेनशील हैं। ऐसे में पुलिस बल तैनात करन के लिए पुलिस मुख्यालय से लेकर जिला पुलिस बल और एसएएफ के अफसरों को भारी मशक्कत करना पड़ रही है। पुलिस मुख्यालय से लेकर पुलिस अधीक्षक तक इन दोनों मतदानों को लेकर पुलिस बल कैसे मूव किया जाए ताकि जल्द से जल्द एक जगह की ड्यूटी से दूसरी जगह ड्यूटी पर पुलिस बल पहुंच जाए, इसको लेकर प्लान तैयार कर रहे हैं।

मतदान के लिए जिला पुलिस बल के साथ ही एसएएफ के बल को तैनात किया जाएगा। वहीं होमगार्ड का भी बल लिया जा रहा है। इन सब से ही पुलिस को मतदान शांति पूर्ण तरीके से करवाना है। इसलिए बल समिति हैं, नगरीय निकाय के चुनाव में पुलिस अपना अधिकांश बल मैदान में उतारेगी। वहीं पंचायत चुनाव में भी पुलिस यही करने जा रही है।

हजारों बूथ हैं संवेदनशील
प्रदेश में पहले चरण के नगरीय निकाय चुनाव में 133 शहरों में मतदान होना है। इनमें भोपाल, इंदौर, खंडवा, धार, बुरहानपुर, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, छतरपुर, श्योपुर, भिंड और मुरैना में बड़ी संख्या में बूथ संवदेनशील हैं, इनमें से कुछ जिलों के कुछ बूथ अतिसंवेदनशील भी हैं। इन सभी जिलों में नगरीय निकाय के चुनाव 6 जुलाई को हैं। जबकि 8 जुलाई को 92 जगह पंचायत के चुनाव हैं। पंचायत चुनाव में राजगढ़, सीहोर, खरगौन, धार, बड़वानी, शिवपुरी, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, मंदसौर, छतरपुर, रीवा जैसे जिलों में भी बड़ी तादाद में बूथ संवेदनशील हैं।

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